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Haryana Railway: इन शहरों से होकर बिछाई जाएगी 126KM लंबी रेल्वे पटरियां, जमीन कीमतों में आया तगड़ा उछाल

06:33 PM Nov 29, 2024 IST | Vikash Beniwal

हरियाणा राज्य में नई रेलवे लाइन बिछाने के साथ दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव कम होने की उम्मीद है. यह रेलवे प्रोजेक्ट दिल्ली के आस-पास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी जिससे लोगों को यात्रा में अधिक सुविधा होगी. इसके अतिरिक्त एक्सप्रेस-वे, हाईवे, मेट्रो और रेलवे सेवाओं का विस्तार होने से यातायात व्यवस्था में सुधार होगा.

आईएमटी मानेसर में बदलाव

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (Haryana Orbital Rail Corridor) के निर्माण से आईएमटी मानेसर की तस्वीर बदलने वाली है. मानेसर, जो पहले औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, अब एक प्रमुख ट्रांसपोर्टेशन हब (transportation hub) बन सकता है. यह रेल कॉरिडोर मानेसर और इसके आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी.

रेल कॉरिडोर की योजना

हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच एक नई रेलवे लाइन (railway line construction) बनाने की योजना पर काम कर रहा है. इस प्रोजेक्ट में 29.5 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत दोहरी ट्रैक रेलवे लाइन (electrified double track railway line) होगी, जो नूंह और गुरुग्राम जिलों से होकर गुजरेगी. इस रेल कॉरिडोर के माध्यम से 5 प्रमुख जिलों को फायदा होगा और इन क्षेत्रों में विकास के नए अवसर खुलेंगे.

इस रेल कॉरिडोर पर स्टेशन

सोनीपत से लेकर पलवल तक इस रेलवे लाइन पर कई स्टेशन (stations) बनाए जाएंगे. इन स्टेशनों में तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल शामिल हैं. इन स्टेशनों के बनने से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी (regional connectivity) में काफी सुधार होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रेलवे यात्रा में आसानी होगी.

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के वित्तीय पहलू

यह 126 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन (railway line construction) करीब 5700 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के समानांतर एक नई रेल लाइन (new rail line parallel) बनाना है. इसके जरिए न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र, बल्कि हरियाणा के कुछ अन्य जिलों को भी बेहतर रेल नेटवर्क मिलेगा. इसके बनने से यातायात व्यवस्था में बड़ी आसानी होगी और समय की बचत होगी.

क्षेत्रीय विकास के अवसर

यह रेल कॉरिडोर न केवल ट्रैफिक कम करेगा, बल्कि पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जैसे जिलों में क्षेत्रीय विकास (regional development) को भी बढ़ावा देगा. इन जिलों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने से न केवल व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के अवसर (employment opportunities) भी पैदा होंगे. यह रेल प्रोजेक्ट एक नई विकास की दिशा प्रदान करेगा, जिससे इन क्षेत्रों में नए उद्योग और व्यवसाय स्थापित होंगे.

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की समयसीमा

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण में कुछ समय लगेगा, लेकिन इसके पूरा होने के बाद यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर (game changer) साबित होगा. इससे न केवल दिल्ली और एनसीआर में ट्रैफिक की समस्या (traffic issues) हल होगी, बल्कि इससे जुड़े हुए क्षेत्रों में आर्थिक विकास भी तेज होगा. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की संभावना 2025 के अंत तक है, जिससे इस क्षेत्र के लोग और व्यापारी बड़ी राहत महसूस करेंगे.

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