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3 New Criminal Laws: 31 मार्च तक हरियाणा में 3 नए आपराधिक कानून होंगे लागू, जानें इनके तहत कानून में होंगे क्या क्या बदलाव

12:39 PM Dec 11, 2024 IST | Vikash Beniwal
3 new criminal laws  31 मार्च तक हरियाणा में 3 नए आपराधिक कानून होंगे लागू  जानें इनके तहत कानून में होंगे क्या क्या बदलाव

3 New Criminal Laws: हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों को 31 मार्च 2024 तक पूरी तरह से लागू किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठक में इस प्रस्ताव की घोषणा की। इन कानूनों के तहत देशद्रोह, आतंकवाद, और मॉब लिंचिंग जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इस लेख में, हम इन नए आपराधिक कानूनों की विशेषताओं और उनके प्रभाव पर चर्चा करेंगे।

3 नए आपराधिक कानून

नए कानूनों में आतंकवाद को पहली बार स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिससे इस अपराध से संबंधित मामलों की सुनवाई में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी। राजद्रोह को अब देशद्रोह के अपराध में बदला गया है। इस बदलाव से देश के खिलाफ किसी भी तरह की साजिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।

मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) के मामलों में अब आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। यह कदम समाज में इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है। पीड़ित अब किसी भी पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और उन्हें केस की प्रगति रिपोर्ट भी प्राप्त होगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

किसी भी राज्य को अब एकतरफा रूप से केस वापस लेने का अधिकार नहीं होगा। इसके लिए पीड़ित पक्ष की सुनवाई की जाएगी, जिससे न्याय में पक्षपाती फैसले की संभावना कम होगी। पुलिस और न्यायपालिका द्वारा FIR, केस डायरी, चार्जशीट, और जजमेंट सभी डिजिटल रूप में होंगे। इसके अलावा, तलाशी और जब्ती के दौरान ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी, जिससे सबूतों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।

7 साल या उससे अधिक सजा वाले अपराधों में अब फॉरेंसिक विशेषज्ञ द्वारा सबूत जुटाना अनिवार्य होगा, ताकि आरोपी के खिलाफ मजबूत मामला तैयार हो सके।छोटे-मोटे अपराधों को जल्दी निपटाने के लिए समरी ट्रायल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे न्याय में देरी की समस्या कम होगी। पहली बार अपराध करने वालों को ट्रायल के दौरान एक तिहाई सजा काटने पर जमानत मिल सकती है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में लचीलापन आएगा।

भगोड़े अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान भी शामिल किया गया है, जिससे अपराधियों को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके। इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल रिकॉर्ड को साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जाएगा, जिससे तकनीकी अपराधों पर काबू पाया जा सकेगा। भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में भी उनके खिलाफ मुकदमा चलता रहेगा, जिससे न्याय में कोई रुकावट नहीं आएगी।

नए आपराधिक कानूनों के लाभ

इन नए कानूनों से न्याय प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी और छोटे अपराधों के मामलों में त्वरित निपटारा होगा। आतंकवाद, मॉब लिंचिंग, और देशद्रोह जैसे गंभीर अपराधों पर सख्त सजा देने से अपराधियों में डर पैदा होगा और समाज में सुरक्षा का माहौल बनेगा।

पुलिस और न्यायालय में डिजिटल प्रणाली के उपयोग से मामले की गति तेज होगी और गवाहों और सबूतों के बारे में ज्यादा विश्वसनीयता मिलेगी।FIR किसी भी थाने में दर्ज हो सकेंगे और पीड़ित को केस की प्रगति की जानकारी मिलेगी, जिससे उन्हें न्याय प्राप्त करने में आसानी होगी।

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