AADHAR CARD: अब बिना आधार दिखाए नही मिलेगा ये सामान, देख लीजिए पूरी लिस्ट
AADHAR CARD: केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अब यूरिया और डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरकों की खरीद के लिए आधार कार्ड (Aadhar card for fertilizers) को अनिवार्य कर दिया है. इस फैसले का उद्देश्य किसानों को सरकारी सब्सिडी का सही लाभ पहुंचाना और उर्वरकों की कालाबाजारी (fertilizer black marketing) पर रोक लगाना है. अब हर किसान को इन उर्वरकों की खरीद के लिए आधार कार्ड दिखाना होगा.
रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित इस्तेमाल पर लगेगी रोक
सरकार का यह कदम रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित इस्तेमाल पर नियंत्रण (control on chemical fertilizers) लगाने के लिए उठाया गया है. अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से जमीन की उर्वरता (soil fertility) कम हो रही थी. जिसे बचाने के लिए यह नीति लाई गई है. इसके साथ ही वैकल्पिक उर्वरकों और जैविक खेती को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है.
उर्वरक वितरण में आएगी पारदर्शिता
आधार कार्ड के जरिए उर्वरकों के वितरण में पारदर्शिता (transparency in fertilizer distribution) सुनिश्चित होगी. इससे कालाबाजारी पर रोक लगेगी और किसान सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे. यह प्रणाली सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि सब्सिडी का सही इस्तेमाल हो और उर्वरकों की आपूर्ति पूरी तरह से पारदर्शी हो.
मिट्टी की गुणवत्ता में होगा सुधार
रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता (soil quality improvement) पर बुरा असर पड़ा है. आधार कार्ड अनिवार्य करने से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी आएगी. जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण (environmental protection) भी होगा. साथ ही जैविक खेती (organic farming) को बढ़ावा मिलेगा, जो किसानों के लिए अधिक फायदेमंद है.
वैकल्पिक उर्वरकों का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर
सरकार का उद्देश्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया (nano urea) और जैविक उर्वरकों (organic fertilizers) के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है. यह किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन (low-cost high-production farming) करने में मदद करेगा और उनके लाभ में भी इजाफा होगा. इससे कृषि क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और जैविक खेती का विस्तार होगा.
पीएम प्रणाम योजना
इससे पहले भी सरकार ने रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने के लिए 'पीएम प्रणाम योजना' (PM Pranam Scheme) शुरू की थी. इस योजना का उद्देश्य नैनो यूरिया और सल्फर कोटेड यूरिया जैसे पर्यावरणीय रूप से अनुकूल उर्वरकों का प्रसार करना था. यह योजना किसानों को जैविक उर्वरकों के प्रति जागरूक करने और उनके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम रही है.