Chanakya Niti: पत्नी में ये 3 गुण हो तो छोड़ देने में है भलाई, वरना होती है ये बड़ी दिक्क्त
Chanakya Niti: भारतीय समाज में एक बहू केवल एक परिवार का हिस्सा नहीं बनती. बल्कि वह उस घर की इज्जत और संस्कारों की प्रतीक बनकर आती है. एक विवाहित नारी की भूमिका अत्यंत व्यापक होती है. जिसमें उसे अपने हर कदम पर सोच-समझकर आगे बढ़ने की जरूरत होती है. इस जिम्मेदारी को निभाने में उनकी अच्छी आदतें और संयमित व्यवहार मुख्य भूमिका निभाते हैं.
आचार्य चाणक्य की नीतियों में पत्नी की भूमिका
आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने अपनी नीतियों में विवाहित जीवन को सुखमय बनाने के लिए पत्नी के गुणों पर विशेष बल दिया है. उनका मानना था कि एक पत्नी के गुण और व्यवहार ही परिवार की संपन्नता और सामाजिक प्रतिष्ठा को निर्धारित करते हैं. इसलिए पत्नी के पतनशील गुण अगर परिलक्षित होते हैं, तो उन्हें छोड़ना ही बेहतर होता है.
बुरी पत्नी की पहचान के लक्षण
चाणक्य के अनुसार, कुछ विशेष लक्षणों से पत्नी की बुराइयों को पहचाना जा सकता है. जैसे कि जो महिला बिना सोचे-समझे बोलती है. वह परिवार को बर्बाद कर सकती है. अगर पत्नी बिना वजह गुस्सा करे या फिर घर के माहौल को खराब करे, तो उसे त्यागने में ही भलाई है.
कैसी होती है एक अच्छी पत्नी
एक अच्छी पत्नी को अपने कर्म, धर्म और वचन से शुद्ध होना चाहिए. ऐसी महिला परिवार में सुख और शांति लाती है और परिवार के सदस्यों को एक साथ जोड़े रखती है.
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