Haryana में BC-B को भी मिलेगा आरक्षण, विधानसभा ने पारित किए तीन अहम विधेयक
Haryana: हरियाणा में पंचायती राज और स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग-बी (बीसी-बी) को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सोमवार, 6 नवंबर 2024 को हरियाणा विधानसभा ने तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए। बीसी-ए को जहां 8% आरक्षण मिलता था, वहीं बीसी-बी को अब 5% आरक्षण मिलेगा। यह फैसला राज्य की सामाजिक और राजनीतिक संरचना में बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है।
बीसी-बी को मिलेगा 5% आरक्षण
विधानसभा में पारित विधेयकों के अनुसार, अब बीसी-बी को पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों में आरक्षण मिलेगा। यह आरक्षण जिला परिषद, पंचायत समितियों, नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के चुनावों में लागू होगा। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग-ए की जनसंख्या 18.93% है, जबकि पिछड़ा वर्ग-बी की जनसंख्या 15.05% है।
कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने चर्चा के दौरान सुझाव दिया कि बीसी-ए और बीसी-बी को 27% आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आरक्षण पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में होना चाहिए।
कौन-कौन से विधेयक हुए पारित?
हरियाणा विधानसभा ने सोमवार को तीन विधेयक पारित किए:
हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक
हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक
हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक
इन विधेयकों के जरिए राज्य में बीसी-बी को आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
आरक्षण से बढ़ेगी भागीदारी
बीसी-बी को आरक्षण मिलने से समाज के इस वर्ग को लोकतंत्र में भागीदारी का मौका मिलेगा। इसके जरिए वे न केवल अपनी आवाज बुलंद कर सकेंगे, बल्कि समाज के विकास में भी योगदान दे पाएंगे। आरक्षण के इस फैसले से बीसी-बी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
जनवरी में होंगे निकाय चुनाव
हरियाणा सरकार ने निकाय चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। जनवरी 2025 में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के रिक्त पदों पर चुनाव कराए जाएंगे। इन चुनावों में बीसी-बी के लिए आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार खड़े हो सकेंगे। सरकार का मानना है कि इससे चुनावों में ज्यादा भागीदारी होगी और पिछड़ा वर्ग समाज के विकास में आगे आएगा।
बीसी-ए के आरक्षण पर नहीं होगा असर
सरकार ने साफ किया है कि बीसी-बी को आरक्षण दिए जाने से बीसी-ए के आरक्षण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बीसी-ए को 8% आरक्षण पहले की तरह मिलता रहेगा। यह फैसला दोनों वर्गों को संतुलित तरीके से प्रतिनिधित्व देने के लिए किया गया है।
विधायक सुरजेवाला की मांग
विधायक आदित्य सुरजेवाला ने इस विषय पर बहस के दौरान मांग की कि आरक्षण को 27% तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज की हिस्सेदारी जनसंख्या के अनुपात में होनी चाहिए। उनका यह बयान विधेयकों पर चर्चा के दौरान चर्चा का विषय बना।
आरक्षण का रास्ता कैसे साफ हुआ?
यह फैसला हरियाणा सरकार द्वारा सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में उठाया गया कदम है। लंबे समय से पिछड़ा वर्ग-बी के लोग आरक्षण की मांग कर रहे थे। विधानसभा में विधेयकों के पारित होने से अब यह वर्ग राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी कर सकेगा।