प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर आया बड़ा अपडेट! अब केवल महिला के नाम होगा आवास
PM AWAS YOJANA: केंद्र सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण में महिलाओं को घरों का स्वामित्व देने का निर्णय लिया है। इस फैसले से महिला समुदाय को आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सम्मान मिलेगा, साथ ही यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
महिला स्वामित्व में वृद्धि
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि घरों का पंजीकरण केवल महिला लाभार्थियों के नाम पर किया जाए। यह फैसला इस योजना में घरों के स्वामित्व को महिला के नाम पर ही दर्ज करने के लिए किया गया है। अब तक यह योजना में लगभग 75% घरों का स्वामित्व महिलाओं के नाम पर था, लेकिन दूसरे चरण में यह आंकड़ा 100% तक पहुँचाने का लक्ष्य है।
इस कदम से महिलाओं को न केवल अपने घरों का मालिकाना हक मिलेगा, बल्कि इससे उन्हें समाज में अपनी स्थिति और अधिकारों के प्रति विश्वास भी मिलेगा।
पंजीकरण विकल्प
पंजीकरण प्रक्रिया में अब दो विकल्प होंगे एक जिसमें घर का स्वामित्व महिला और पुरुष दोनों के नाम पर होगा। महिला के नाम पर पंजीकरण जिसमें घर का स्वामित्व पूरी तरह से महिला के नाम होगा। इस निर्णय से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं को स्वामित्व का पूर्ण अधिकार मिलेगा, जो उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रमुख उपलब्धियां
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, और अब इस योजना को आठ साल हो गए हैं। इस दौरान लाखों महिलाओं और परिवारों को अपने घर का सपना पूरा हुआ है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में कच्चे घरों को पक्के घरों में बदलना है, जिससे ग्रामीणों को एक सुरक्षित और स्थिर आवास मिल सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अब तक महिला स्वामित्व वाले घरों का प्रतिशत बढ़ाकर 75% तक पहुँच चुका है। इससे यह साबित होता है कि सरकार महिला सशक्तिकरण को अपने उद्देश्यों में प्राथमिकता देती है।
नए सर्वेक्षण और योजना का विस्तार
प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण में एक नया आवास प्लस-2024 सर्वे लांच किया गया है, जिसके तहत नए लाभार्थियों की पहचान की जाएगी। इस सर्वे में दस बिंदुओं पर आधारित चयन प्रक्रिया होगी, जो यह सुनिश्चित करेगी कि सही व्यक्ति को लाभ मिले। साथ ही, अब ग्रामीण परिवारों को सेल्फ सर्वे की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिससे वे खुद अपनी फोटो के साथ एप पर आवेदन कर सकते हैं।