इस नस्ल की भैंस नही है किसी ATM से कम, हर रोज देती है 23 लीटर का दूध
Buffalo Farming: मेहसाणा के गोकलगढ़ गांव की नीताबेन चौधरी ने पशुपालन क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान बनाई है. उनके प्रयासों से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का आर्थिक स्तर ऊपर उठा है. नीताबेन के पास एक विशेष मेहसाणी भैंस है जो प्रतिदिन 23 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है जिससे उनकी रोजाना और वार्षिक आय में काफी इजाफा हुआ है.
दूध उत्पादन से लाखों की कमाई
गोकलगढ़ की नीताबेन अपने 60 जानवरों की देखभाल स्वयं करती हैं. इनमें 40-45 हाई फ्रेक्वेंसी (HF) नस्ल की गायें और 11 भैंसें शामिल हैं. ये जानवर औसतन 20-23 लीटर दूध प्रतिदिन देते हैं, जिससे नीताबेन की सालाना आय लगभग 35 लाख रुपये होती है. यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, जिससे उन्हें पशुपालन के क्षेत्र में अच्छी खासी पहचान मिली है.
राज्य स्तरीय सम्मान और पुरस्कार
नीताबेन की मेहसाणी भैंस राज्य में तीसरे स्थान पर है जो सबसे अधिक दूध देने वाली भैंसों में शुमार है. इस उपलब्धि के लिए उन्हें राज्य सरकार द्वारा सम्मानित (State Level Recognition) किया गया है और उन्हें 20,000 रुपये नकद पुरस्कार के साथ स्मृति चिह्न भी प्रदान किया गया है. यह पुरस्कार उनके प्रयासों को मान्यता देता है.
खर्चे और मुनाफा
नीताबेन बताती हैं कि पशुपालन में होने वाले खर्चे को निकालने के बाद भी वे सालाना 17-18 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा (Net Profit) कमा रही हैं. इससे उन्हें अपने परिवार की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलती है और सामाजिक स्तर पर भी उनकी स्थिति मजबूत हुई है.
पशुपालन की देखभाल और भोजन की क्वालिटी
नीताबेन अपनी भैंसों को हाई क्वालिटी का आहार (High-Quality Feed) देती हैं. खासतौर पर गर्भाधान के समय उनकी भैंस को मुख्य रूप से गुड़ और चीनी का आहार दिया जाता है जिससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है.