For the best experience, open
https://m.dharataltv.com
on your mobile browser.

Chanakya Niti: इन 10 जगहों पर चाहकर भी बोलना नही चाहिए, चुप रहने में ही है समझदारी

11:42 AM Oct 25, 2024 IST | Uggersain Sharma
chanakya niti  इन 10 जगहों पर चाहकर भी बोलना नही चाहिए  चुप रहने में ही है समझदारी

Chanakya Niti: कौन नहीं चाहता कि उसकी जिंदगी में सफलता हो? यदि आप भी हर काम में सफल होना चाहते हैं और समाज में सम्मान पाना चाहते हैं, तो आचार्य चाणक्य की सलाह (Chanakya's advice for success) आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. चाणक्य ने कुछ विशेष स्थितियों में चुप रहने की महत्वपूर्णता पर जोर दिया है.

जहाँ चुप रहना है जरूरी

चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ खास जगहों पर चुप रहना सफलता पाने की कुंजी है (key to maintaining peace). ये वो स्थान हैं जहाँ आपकी बोलचाल से अधिक आपकी चुप्पी आपको लाभ पहुंचा सकती है.

दूसरों के झगड़े से दूरी

जब दो पक्ष झगड़ रहे हों और आपका उसमें कोई लेना-देना न हो, तो चुप रहना ही बेहतर है (staying neutral in conflicts). ऐसे में हस्तक्षेप करने से आप अनावश्यक रूप से समस्याओं में फंस सकते हैं.

स्वयं की प्रशंसा में चुप्पी

जब आपकी तारीफ हो रही हो तो चुप रहना चाहिए. अपनी ही प्रशंसा में बोलना (avoid self-praise) आपको घमंडी दिखा सकता है.

दूसरों की बुराई से बचें

जब दूसरों की बुराई हो रही हो, तो भी चुप रहना चाहिए. ऐसे वातावरण में भाग लेने से आप भी नकारात्मकता का हिस्सा बन सकते हैं (avoid negativity).

अधूरी जानकारी पर चुप्पी

यदि आपके पास किसी विषय की पूरी जानकारी नहीं है, तो उस पर चर्चा में भाग न लेना ही समझदारी है (avoid misinformation).

भावनात्मक समझ की कमी

यदि सामने वाला व्यक्ति आपकी भावनाओं को नहीं समझ पा रहा है, तो चुप रहना ही उचित है (respect emotional boundaries). ऐसे में बातचीत से ज्यादा तनाव और गलतफहमियाँ पैदा हो सकती हैं.

गुस्से में चुप्पी

जब कोई गुस्से में हो, तो चुप रहना चाहिए. ऐसा करने से आप स्थिति को और बिगड़ने से रोक सकते हैं.

गैर-जरूरी बातचीत से बचें

जो समस्याएँ आपसे संबंधित नहीं हैं, उन पर बोलने से बचना चाहिए. अनावश्यक रूप से बोलने से आपको नुकसान हो सकता है.

चिल्लाने वालों से दूरी

जो लोग उच्च स्वर में चिल्ला-चिल्ला कर बात करते हैं. उनसे दूर रहना चाहिए. ऐसे लोगों से बचने से आप खुद को मानसिक शांति प्रदान कर सकते हैं.

अनुचित स्थितियों में सावधानी

जब भी अनुचित परिस्थितियाँ हों जहाँ आपकी बात अनावश्यक हो, वहां चुप रहना ही बेहतर है. इससे आप विवाद से बच सकते हैं और अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा कर सकते हैं.

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

Tags :