Chanakya Niti: इन आदतों वाले व्यक्तियों में होता है बहुत अहंकार, इन आदतों से कर सकते है सुधार
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार अहंकार (Arrogance according to Chanakya) व्यक्ति के चरित्र को हानि पहुँचाता है और उसे समाजिक तथा व्यक्तिगत पतन की ओर ले जाता है. अहंकारी व्यक्ति स्वभाव से अपने आपको दूसरों से श्रेष्ठ मानता है जिससे उसके सामाजिक संबंधों में दरार आती है.
चाणक्य की ये नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि सदियों पहले थीं. व्यक्ति यदि इन नीतियों को अपनाकर चले तो वह न केवल अहंकार से मुक्त रह सकता है बल्कि एक सुखी और सफल जीवन भी जी सकता है.
कौन होते हैं अहंकारी
चाणक्य की पहचान चाणक्य ने विभिन्न प्रकार के लोगों में अहंकार की पहचान की है. धनवान व्यक्ति (Wealthy individuals) शक्तिशाली पदों पर आसीन लोग अत्यधिक ज्ञानी व्यक्ति और युवा तथा सुंदर लोग अक्सर अहंकार के शिकार होते हैं. इन सभी को लगता है कि वे दूसरों से बेहतर हैं जो उन्हें अंतत: सामाजिक अलगाव की ओर ले जाता है.
अहंकार के खतरनाक परिणाम
अहंकार (Consequences of arrogance) से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति कमजोर होती है. वह दूसरों की सलाह को महत्व नहीं देता जिससे उसका सम्मान घटने लगता है और उसका व्यवहार दूसरों को आहत करने लगता है. यह उसे व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों ही जीवन में अकेला बना देता है.
अहंकार से बचने के लिए चाणक्य के सुझाव
चाणक्य ने अहंकार से बचने के लिए कई उपाय सुझाए हैं. नम्रता अपनाने (Adopt humility) ध्यान और आत्मनिरीक्षण करने दूसरों का सम्मान करने और सादगीपूर्ण जीवन जीने की सलाह दी है. ये उपाय व्यक्ति को न केवल अहंकार से बचाते हैं बल्कि उसके जीवन को सार्थक और संतोषजनक भी बनाते हैं.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)