Chanakya Niti: पढ़े लिखे होने के बाद भी बेवकूफ कहलाते है ऐसे लोग, कोई नही करता इज्जत
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसे लोग होते हैं जो कि बहुत पढ़े—लिखे व समझदार होकर भी मूर्ख ही कहलाते हैं. चाणक्य नीति के मुताबिक दुनिया में कई ऐसे लोग होते हैं जो खुद को समझदार समझते हैं जबकि समाज उन्हें कोई वैल्यू नहीं देता.
बुद्धिमानी का भ्रम
आचार्य चाणक्य के अनुसार, दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने आप को अत्यंत बुद्धिमान (self-perceived wisdom) समझते हैं, परंतु वास्तव में समाज उन्हें कोई महत्व नहीं देता। यह मुख्यतः इसलिए होता है क्योंकि उनके विचार और कार्य वास्तविक ज्ञान के अनुरूप नहीं होते।
अविचारित क्रियाओं के परिणाम
चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे कार्य करता है और उसमें बार-बार असफल होता है, समाज उसे मूर्ख (reckless actions) समझता है। ऐसे व्यक्ति की गलतियाँ उसकी बुद्धिमत्ता पर सवाल खड़े करती हैं और उसे समाज में एक नकारात्मक प्रतिष्ठा दिलाती हैं।
आत्ममुग्धता का नकारात्मक प्रभाव
जो व्यक्ति अपनी स्वयं की प्रशंसा में लिप्त रहते हैं और अपने मुँह मियां मिट्ठू बनते हैं, चाणक्य का कहना है कि समाज ऐसे लोगों को भी मूर्ख (self-praise) मानता है। यह आत्ममुग्धता उनकी वास्तविक क्षमताओं को छिपा देती है और वे अपने अहंकार के कारण अवसरों को खो देते हैं।
अज्ञानता और अहंकार
जो लोग खुद को दूसरों से अधिक ज्ञानी समझते हैं और नई चीजें सीखने की कोशिश नहीं करते, वे वास्तव में समाज के लिए मूर्ख (ignorance) होते हैं। ये व्यक्ति अपनी धारणाओं में इतने बंधे होते हैं कि वे समय के साथ आवश्यक बदलावों और अनुकूलन की महत्वता को नहीं समझ पाते।
दूसरों का अपमान करने वाले
जो लोग बिना सोचे-समझे दूसरों का अपमान करते हैं और खुद को सम्मान के लायक समझते हैं, चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग समाज में मूर्ख (disrespectful behavior) समझे जाते हैं। उनका यह व्यवहार न केवल उनकी छवि को धूमिल करता है बल्कि उनके सामाजिक संबंधों को भी कमजोर करता है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)