High Court: अब सास ससुर पर बहू की नहीं चलेगी झिकझिक, हाईकोर्ट ने दिया ये अधिकार
High Court: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें बताया गया है कि अगर बहू-बेटे के झगड़े से बुजुर्ग माता-पिता की शांतिपूर्ण जिंदगी में खलल पड़ रही है तो उन्हें बहू को घर से बाहर निकालने का अधिकार है. इस निर्णय से उन बुजुर्गों को बड़ी राहत मिली है जिनकी जिंदगी में इस तरह के झगड़े रोज़मर्रा की समस्या बन चुके थे.
संयुक्त परिवार में बहू के अधिकार सीमित
हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि संयुक्त घर में बहू के अधिकार सीमित हैं. अगर बहू की उपस्थिति से घर का माहौल खराब हो रहा है तो उसे घर से निकालने का अधिकार माता-पिता को है. इस निर्णय से साफ होता है कि माता-पिता को अपनी शांतिपूर्ण जिंदगी जीने का पूरा हक है.
विवादित संबंधों पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
जस्टिस खन्ना ने इस मामले में कहा कि अगर सास-ससुर और बहू के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं तो इससे बुजुर्गों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में बहू को अलग रहने की व्यवस्था की जा सकती है ताकि बुजुर्गों की शांतिपूर्ण जिंदगी सुनिश्चित हो सके.
घरेलू हिंसा अधिनियम और बहू के अधिकार
अदालत ने घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 19 के तहत भी चर्चा की. इस अधिनियम के तहत, जब तक विवाह जारी है. बहू को अलग आवास उपलब्ध कराया जा सकता है अगर सास-ससुर चाहें तो. यह विवाहित जीवन के संघर्ष को समझते हुए एक उचित उपाय है.