Expressway: यूपी में रास्ते होंगे और भी सुहाने! इन बड़े बड़े शहरों को चीरता हुआ जाएगा नया एक्सप्रेसवे, जानें
Expressway: गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे एक बड़ा और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों के साथ-साथ बिहार और पश्चिम बंगाल को भी जोड़ने जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरेगा, क्योंकि इसके बनने से यात्रा का समय और दूरी दोनों में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
वर्तमान में गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच यात्रा करने में लगभग 15 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से यह समय घटकर 9 घंटे रह जाएगा। इससे व्यापार, पर्यटन और अन्य गतिविधियों में तेज़ी आएगी। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 519 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण में लगभग 32,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रोजेक्ट भारतीय सरकार की भारत माला योजना के तहत किया जा रहा है।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के लगभग 2,800 गांवों को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा। साथ ही, इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इन जिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। 25 जगहों पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे, जिससे इस एक्सप्रेसवे को नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे से जोड़ा जा सकेगा। इस कनेक्टिविटी से लोगों को सुविधाजनक आवागमन मिलेगा।
इस एक्सप्रेसवे के साथ-साथ फ्लाईओवर और रिंग रोड का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे स्थानीय शहरों में यातायात जाम की समस्या हल हो सकेगी। उदाहरण के लिए, पडरौना शहर में बाहरी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे ट्रैफिक में कमी आएगी। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक के इस एक्सप्रेसवे का मार्ग गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, और बिहार के गोपालगंज, सीवान, छपरा होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा।
इस मार्ग पर 6 लेन की सड़क बनाई जाएगी, जिससे यातायात की क्षमता बढ़ेगी और लंबी दूरी की यात्रा आसान हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले, यह भारत-माला योजना के तहत कई अन्य सड़कों और कॉरिडोर के साथ एकजुट होकर उत्तर भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।