यूपी के 22 जिलों से होकर गुजरेगा ये नया एक्सप्रेसवे, इन गांवों के किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले UP New Expressway
UP New Expressway: उत्तर प्रदेश के विकास की दिशा में गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway development) एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में उभर रहा है. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के पश्चिमी से लेकर पूर्वांचल के जिलों तक की यात्रा न केवल आसान होगी, बल्कि तेजी से भी संपन्न होगी.
विशाल कनेक्टिविटी की योजना
भारतमाला परियोजना (Bharatmala project) के तहत गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को जोड़ेगा. जिससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को एक नई गति मिलेगी. यह 700 किमी लंबा एक्सप्रेसवे (Longest expressway in UP) गंगा एक्सप्रेसवे से भी बड़ा होगा और इसे दिसंबर 2024 तक खोले जाने की उम्मीद है.
निर्माण और लागत
इस परियोजना की कुल लागत 35,000 करोड़ रुपये (Greenfield Expressway project cost) अनुमानित है. नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री ने इस परियोजना के तहत गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक अन्य छह लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का भी उल्लेख किया है.
प्रभावित जिले और राज्य
इस एक्सप्रेसवे का मार्ग गोरखपुर, संतकबीरनगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या, सीतापुर, शाहजहाँपुर, हरदोई, बदायूँ, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर और शामली से होकर गुजरेगा (Districts connected by Gorakhpur-Shamli Expressway). जो इन जिलों के लोगों के लिए यात्रा को सरल और सुविधाजनक बनाएगा.
यात्रा मे समय लगेगा कम
इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से गोरखपुर से शामली तक की यात्रा का समय (Travel time reduction) महज 8 घंटे रह जाएगा. जो वर्तमान में 15 घंटे का समय लेती है. इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि ईंधन की खपत में भी कमी आएगी.
आपातकालीन उपयोग और आर्थिक लाभ
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे में आपातकालीन हवाई पट्टी (Emergency airstrip on expressway) का निर्माण किया जाएगा. जिसका उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य आपात स्थितियों में किया जा सकेगा. इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना है जिससे पर्यावरणीय लाभ भी होंगे.