खेतीबाड़ीएजुकेशनTrendingसरकारी योजनाइंडिया न्यूजबिजनेसऑटोटेक न्यूजमनोरंजन

Gorakhpur-Siliguri Expressway: 9 घंटे में तय होगी 519 किमी की दूरी, यूपी, बिहार और बंगाल को होगा बड़ा फायदा

10:46 AM Nov 23, 2024 IST | Vikash Beniwal

Gorakhpur-Siliguri Expressway: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक बनने वाले गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) की परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। यह 519 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा। एक्सप्रेसवे के पूरा होने पर गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच का सफर केवल 9 घंटे में तय होगा। फिलहाल, इस दूरी को तय करने में 15 घंटे का समय लगता है।

इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार हो चुकी है। भूमि अधिग्रहण का काम दिसंबर 2024 से शुरू होगा। इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे का निर्माण वर्ष 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माण कार्य पर लगभग 32,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

तीन राज्यों को होगा लाभ

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे तीन राज्यों—उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। इसका रूट इस प्रकार है:

  1. उत्तर प्रदेश में 84.3 किमी
  2. बिहार में 416.2 किमी
  3. पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों से होते हुए यह एक्सप्रेसवे बिहार में प्रवेश करेगा। बिहार के आठ जिलों—पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर यह सिलीगुड़ी पहुंचेगा।

रूट और मुख्य आकर्षण

एक्सप्रेसवे का शुरुआती पॉइंट गोरखपुर के जगदीशपुर होगा। कुशीनगर के तमुखीराज तहसील से यह बिहार के गोपालगंज में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह बिहार और पश्चिम बंगाल के विभिन्न गांवों से होते हुए सिलीगुड़ी पहुंचेगा।

समय और दूरी में कटौती

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के बनने से प्रमुख शहरों के बीच की दूरी में भी कमी आएगी:

बिहार में भूमि अधिग्रहण

बिहार में भूमि अधिग्रहण का कार्य दिसंबर 2024 में शुरू होगा। यह कार्य पश्चिम चंपारण के 15 गांवों, पूर्वी चंपारण के 69 गांवों, शिवहर के 7 गांवों, सीतामढ़ी के 33 गांवों, मधुबनी के 66 गांवों, सुपौल के 43 गांवों, अररिया के 47 गांवों और किशनगंज के 25 गांवों में किया जाएगा।

क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी। यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के व्यापार, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स में तेजी आएगी। साथ ही, भारत-नेपाल सीमा पर भी कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

Tags :
Gorakhpur-Siliguri Expressway current statusGorakhpur-Siliguri Expressway land acquisitionGorakhpur-Siliguri Expressway latest newsGorakhpur-Siliguri Expressway route mapGorakhpur-Siliguri Expressway village listगोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्‍सप्रेसवे समाचारगोरखपुर-सिलीगुड़ी रूट
Next Article