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Gram Cultivation: दिसंबर में चने की बुवाई के लिए जरूरी टिप्स! किसान भी इन बातों पर करें गौर, होगी खूब पैदावार

01:46 PM Oct 18, 2024 IST | Vikash Beniwal
gram cultivation  दिसंबर में चने की बुवाई के लिए जरूरी टिप्स  किसान भी इन बातों पर करें गौर  होगी खूब पैदावार

Gram Cultivation: चने की खेती को लेकर दिसंबर का महीना विशेष महत्व रखता है। अगर आप इस सीजन में चने की खेती करने की सोच रहे हैं तो सही तरीके से बुवाई और देखभाल के उपायों को जानना बेहद जरूरी है। इस लेख में हम आपको चने की खेती के लिए जरूरी टिप्स और तकनीकों के बारे में बताएंगे, जो आपके लिए ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

चने की बुवाई का सही समय

चने की बुवाई का सही समय नवंबर के अंत से दिसंबर की शुरुआत तक होता है। इस समय बुवाई करने से फसल की अच्छी पैदावार हो सकती है, क्योंकि मौसम ठंडा होता है और इससे चने की फसल को बढ़ने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां मिलती हैं।

बीजों का चयन और उपचार

चने की खेती में बीज का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें जो रोग प्रतिरोधक क्षमता रखते हों। बीज को बोने से पहले कवकनाशी जैसे वीटावैक्स, थीरम या कैप्टान से उपचारित करें। यह बीजों को रोगों से बचाता है और फसल की बढ़त को सुरक्षित रखता है।

बीज की मात्रा

छोटे दाने वाली किस्मों के लिए 75-60 किग्रा/हेक्टेयर बीज की जरूरत होती है।
बड़े दाने वाली किस्मों के लिए 90-100 किग्रा/हेक्टेयर बीज का उपयोग करना चाहिए।

चने की खेती के लिए उन्नत किस्मों का चयन करें

पूसा-372, जेजी 11, जेजी 12, जेजी 16, काबुली चना की किस्में जैसे- पूसा चमत्कार, जवाहर काबुली चना-1, विजय, फूले जी-95311 यह किस्में रोगों के खिलाफ सहनशील होती हैं।

मिट्टी की तैयारी

चने की खेती के लिए सही मिट्टी का चुनाव भी महत्वपूर्ण है। मध्यम से भारी मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली भूमि चने की फसल के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बुवाई से पहले भूमि की अच्छी तरह से जोताई करें और पाटा लगाएं ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और पौधों के लिए अच्छा वातावरण बन सके।

उर्वरक और जैविक खाद का उपयोग

फसल की वृद्धि और अच्छी पैदावार के लिए सही मात्रा में उर्वरक और जैविक खाद का उपयोग करना बहुत जरूरी है। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का सही अनुपात भूमि की उर्वरता को बढ़ाता है और चने की फसल को बेहतर पोषण मिलता है।

सिंचाई

चने की फसल के लिए सिंचाई जरूरी नहीं होती, लेकिन यदि मिट्टी में नमी की कमी हो तो समय पर हल्की सिंचाई करनी चाहिए। बारिश के समय अधिक सिंचाई से बचें क्योंकि यह चने की फसल को नुकसान पहुंचा सकता है।

चने की फसल की देखभाल

चने की फसल में रोगों और कीटों से बचाव के लिए नियमित रूप से निगरानी रखें। यदि कोई रोग या कीट दिखाई दे तो तुरंत उपचार करें। चने की फसल को अधिक नमी वाली मिट्टी में न उगाएं, क्योंकि इससे उकठा रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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