Haryana Cow Subsidy: हरियाणा सरकार ने देसी गाय पालने वालों की कर दी मौज, बैंक खाते में आएगी सब्सिडी
Cow Subsidy: हरियाणा में प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट के तहत देसी गाय खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी के लिए आवेदन करने वाले किसानों के लिए राहत भरी खबर है. पशुपालन विभाग ने वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है जिससे किसानों को जल्द ही सब्सिडी उनके बैंक खाते में मिल सकेगी. कृषि विभाग ने पहले ही सभी आवेदकों की सूची पशुपालन विभाग को भेज दी है.
प्राकृतिक खेती क्यों है महत्वपूर्ण?
सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और फसलों की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट (Organic Farming with Indigenous Cow) पर फोकस किया है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि एक देसी गाय के गोबर और मूत्र से कई एकड़ जमीन पर खेती की जा सकती है. गोबर से बनी खाद जमीन की उर्वरता बढ़ाती है और मूत्र को प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
किसानों के लिए सब्सिडी का लाभ
देसी गाय खरीदने पर किसानों को सरकार द्वारा 25,000 रुपये तक की सब्सिडी (Subsidy for Farmers to Buy Indigenous Cow) दी जाती है. इस योजना के तहत सोनीपत जिले में पहले चरण में 18 किसानों ने आवेदन किया है. हालांकि लगभग 7 महीने बीत जाने के बावजूद सब्सिडी जारी नहीं हो पाई थी क्योंकि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया देरी थी. अब यह प्रक्रिया तेज कर दी गई है.
सरकार का फोकस
सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय (Doubling Farmers' Income) बढ़ाना और टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन देना है. प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट इस दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न केवल खेती की लागत कम होती है बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है.
देसी गाय का योगदान
देसी गाय प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार (Foundation of Organic Farming) है. गोबर से जैविक खाद तैयार होती है, जो रासायनिक खादों की तुलना में ज्यादा प्रभावी होती है. इसके अलावा, देसी गाय के मूत्र से कीटनाशक तैयार किया जा सकता है, जो फसलों को कीड़ों से बचाने में मदद करता है.
वेरिफिकेशन प्रक्रिया का महत्व
वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किसानों को सब्सिडी जारी की जाएगी. यह सुनिश्चित करता है कि केवल पात्र किसान (Eligible Farmers for Subsidy) ही इस लाभ का फायदा उठा सकें. इसके अलावा, यह कदम किसानों और सरकार के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद करता है.
किसानों पर असर
प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट और सब्सिडी योजना ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक नई राह दिखाई है. इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह खेती के पारंपरिक तरीकों को भी बढ़ावा देगा.