इस धरती का सुपरफूड, इस फल के सेवन से दिमाग चलेगा कंप्यूटर की तरह, जानिए इस काले फल का नामSuperfoodsइस धरती का सुपरफूड, इस फल के सेवन से दिमाग चलेगा कंप्यूटर की तरह, जानिए इस काले फल का नाम
आज के समय में कृषि के क्षेत्र में नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। ऐसे में एक ऐसा फल चर्चा में है, जिसकी खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। इस फल का नाम है काले सेब। यह दुर्लभ और पौष्टिक फल तिब्बत की पहाड़ियों पर उगाया जाता है। इसकी खेती भारत में भी बढ़ रही है, और यह किसानों को अच्छी कमाई का जरिया दे रही है।
काले सेब की खेती कैसे करें?
काले सेब की खेती करना आसान और फायदेमंद है। इस फल की खासियत यह है कि इसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसे 'हुआ निउ' के नाम से भी जाना जाता है। इस सेब की खेती समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर ऊंचाई पर की जाती है। इसके बीज को पहले अच्छी तरह से तैयार किया जाता है। इसके बाद इसे खेत में बोया जाता है।
काले सेब के उगने में समय
- इस फल के पेड़ को पूरी तरह विकसित होने में करीब 3-4 साल का समय लगता है।
- इसकी खेती के लिए ठंडी और शुष्क जलवायु सबसे बेहतर मानी जाती है।
- इसे सामान्य सेब की तरह ही उगाया जा सकता है, लेकिन इसकी देखभाल अधिक करनी होती है।
काले सेब के पोषण तत्व
काले सेब केवल दुर्लभ ही नहीं, बल्कि अत्यधिक पौष्टिक भी हैं। इसमें कई महत्वपूर्ण तत्व मौजूद होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
- एंटीबैक्टीरियल गुण: यह फल शरीर को संक्रमण से बचाता है।
- एंटीऑक्सीडेंट: इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- आयरन और विटामिन-ए: यह खून की कमी को दूर करता है और आंखों के लिए फायदेमंद है।
- कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: यह बैड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
- स्किन के लिए फायदेमंद: इसका सेवन त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
काले सेब की मार्केट कीमत
यह फल अपनी दुर्लभता और गुणों के कारण महंगा है। बाजार में इसकी कीमत 1000 से 1500 रुपए प्रति किलो तक होती है। अगर किसान इसकी खेती में रुचि लेते हैं, तो वे 2 बीघा जमीन से भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
डिमांड और प्रॉफिट
- बाजार में काले सेब की मांग लगातार बढ़ रही है।
- इसके ऊंचे दाम किसानों को बेहतर कमाई का मौका देते हैं।
- इसे निर्यात करने की भी बड़ी संभावनाएं हैं।
भारत में काले सेब की खेती की संभावनाएं
भारत में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी इलाकों में काले सेब की खेती संभव है। इन क्षेत्रों में जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता इसके लिए उपयुक्त है।
खेती के लिए सुझाव
- बीज का चयन सावधानीपूर्वक करें।
- खेती के दौरान उर्वरक का सही उपयोग करें।
- पेड़ों को ठंड और फंगल संक्रमण से बचाने के लिए नियमित देखभाल करें।
किसानों के लिए वरदान
काले सेब की खेती उन किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं। इसके फायदे:
- उच्च मांग के कारण स्थायी आय।
- खेती में कम प्रतिस्पर्धा।
- निर्यात के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार।