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IAS Dr. Ruveda Salam Success Story: जानिए कैसे IPS से बनीं IAS, संघर्ष से सफलता तक का सफर

03:31 PM Oct 22, 2024 IST | Vikash Beniwal

IAS Dr. Ruveda Salam Success Story: सिविल सेवा की तैयारी करने वाले हर उम्मीदवार को सफलता की कहानियां पढ़नी चाहिए। ऐसी ही एक कहानी है डॉ. रुवेदा सलाम की। कश्मीर के छोटे से गांव फार्किन से निकलकर IPS बनने और फिर IAS अधिकारी बनने तक का उनका सफर हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। उनकी कहानी संघर्ष, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है।

डॉ. रुवेदा सलाम का प्रारंभिक जीवन

डॉ. रुवेदा सलाम का जन्म कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के सीमावर्ती गांव फार्किन में हुआ। यह इलाका अशांति, कर्फ्यू और पत्थरबाजी जैसी समस्याओं से जूझता रहता है। कठिन परिस्थितियों के बावजूद, उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा को प्राथमिकता दी। उनके पिता ने उन्हें आत्मविश्वास सिखाया, जबकि उनकी मां ने शादी के प्रस्तावों को ठुकराकर उनकी पढ़ाई और लक्ष्य को पूरा करने में साथ दिया।

मेडिकल की पढ़ाई से लेकर UPSC की तैयारी तक

रुवेदा ने श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और 2009 में एक डॉक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया। लेकिन उनकी मंजिल यहीं नहीं थी। उनके माता-पिता ने उन्हें UPSC परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया।

IPS बनने का सफर

2013 में, डॉ. रुवेदा ने पहली बार UPSC की परीक्षा दी और सफलतापूर्वक IPS अधिकारी बनीं। उन्होंने हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग पूरी की। इसके बाद उन्हें चेन्नई में असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया। हालांकि, IPS बनकर भी उनका सपना अधूरा था।

IAS बनने की प्रेरणा

IPS बनने के बाद, डॉ. रुवेदा ने 2015 में एक बार फिर UPSC परीक्षा दी। इस बार उन्होंने उच्च रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बन गईं। उनका ऑप्शनल विषय लोक प्रशासन और समाजशास्त्र था। यह साबित करता है कि सही मार्गदर्शन और दृढ़ संकल्प से किसी भी मुश्किल लक्ष्य को पाया जा सकता है।

चुनौतियों का सामना

रुवेदा का जीवन आसान नहीं था। कश्मीर की अशांति और सामाजिक बाधाओं के बीच पढ़ाई करना आसान नहीं था। इसके बावजूद उन्होंने मेहनत और समर्पण से अपने सपनों को साकार किया।

रुवेदा सलाम की प्रेरणा

डॉ. रुवेदा की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करती है। उन्होंने साबित किया कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर आप अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ हैं तो सफलता निश्चित है।

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