MSP: मोदी सरकार ने किसान भाइयों की कर दी मौज, गेंहु समेत इन रबी फसलों का MSP रेट
MSP: केंद्र सरकार ने बुधवार को रबी सीजन के लिए छह मुख्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा की है. गेहूं (Wheat) की MSP में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई. जिससे इसका नया मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इसी प्रकार चना, जौ, मसूर, सरसों और कुसुम की MSP में भी जबरदस्त बढ़ोतरी की गई है.
फसलों के नए MSP डिटेल
पहले गेहूं की MSP 2275 रुपये प्रति क्विंटल थी जो अब बढ़कर 2425 रुपये हो गई है. जौ की नई MSP 1950 रुपये, चना की 5650 रुपये, मसूर की 6700 रुपये, सरसों की 5950 रुपये और कुसुम की 5940 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है. यह बढ़ोतरी किसानों को उनकी फसल के उचित मूल्य प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
क्या होती है MSP
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि MSP वह गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल के लिए सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है. यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से न्यूनतम आर्थिक प्रभाव पड़े. इस प्रक्रिया में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) मुख्य भूमिका निभाती है, जो किसानों से इन तय दरों पर फसल खरीदती है.
MSP का ऐलान कब और कैसे होता है?
भारतीय सरकार हर साल खरीफ और रबी सीजन के दौरान MSP की घोषणा करती है. खरीफ की फसलों का ऐलान जून-जुलाई में किया जाता है. जबकि रबी की फसलों के लिए यह ऐलान अक्टूबर-दिसंबर के दौरान होता है.
सरकार की MSP नीति की चुनौतियाँ
जबकि MSP एक सरकारी नीति है, यह एक कानूनी गारंटी नहीं है और सरकार इसे समयानुसार घटा या बढ़ा सकती है. इसे लेकर किसान समुदाय में अनिश्चितता बनी रहती है, जो कि इस नीति के प्रति उनके विश्वास को प्रभावित करती है.
MSP की तय फसलें और उनके मानदंड
वर्तमान में भारतीय सरकार 22 फसलों के लिए MSP तय करती है. जिसमें अनाज, दालें, तिलहन और व्यावसायिक फसलें शामिल हैं. इनका निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा किया जाता है.