New Wheat Variety: गेंहु की ये किस्म देती है 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार, किसान भाइयों की हो जाएगी मौज
New Wheat Variety: भारत में गेहूं की खेती एक प्रमुख आय और पोषण का स्रोत है. खरीफ सीजन के बाद जैसे ही सर्दी की आहट होती है. किसान गेहूं की बुवाई शुरू कर देते हैं. इस समय कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई किस्म (wheat variety development) का विकास किया है. जिसे एचडी 3385 नाम दिया गया है. इस किस्म की विशेषता यह है कि यह ज्यादा उत्पादकता (high yield wheat) के साथ-साथ अधिक पोषक तत्वों से युक्त है.
नई किस्म की खूबियां
एचडी 3385 गेहूं की यह नई किस्म न केवल बेहतर उपज (enhanced productivity) प्रदान करती है. बल्कि इसे विशेष रूप से अनुकूल परिस्थितियों में लगाए जाने पर 80-100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज (high yield per hectare) मिल सकती है. इसका औसत उत्पादन लगभग 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। जो कि सामान्य स्थितियों में भी 73.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुँच सकता है. यह किस्म खासतौर पर ज्यादा तापमान (resistant to high temperatures) और शुष्क मौसम की स्थितियों में भी अच्छी उपज देने में सक्षम है.
वैज्ञानिकों की भूमिका
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों (Indian Agricultural Research Institute, Karnal) ने इस नई किस्म को विकसित किया है. इस किस्म की विकास यात्रा में अनेक परीक्षण और अध्ययन शामिल हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को एक ऐसी किस्म मिले, जो न केवल उपज में अच्छी हो बल्कि पर्यावरणीय प्रतिकूलताओं (environmental adversities) का सामना कर सके.
मौसम और रोग प्रतिरोधकता
खास बात यह है कि एचडी 3385 न केवल मौसमी परिवर्तनों के प्रति रोधी है बल्कि यह रतुआ रोग (resistant to leaf rust) और अन्य फंगल बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम है. इसकी विकास शैली ऐसी है कि यह अलग-अलग रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता (high disease resistance) रखती है. जिससे किसानों को हाई क्वालिटी की फसल मिल सके.