Chanakya Niti: इन कामों को बेशर्म होकर करने में है भलाई, जिंदगी में हो जाएंगे कामयाब
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार शिक्षा ग्रहण करते समय कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए. शिक्षा का कोई भी स्रोत हो उसे पूरी जल्दी से ग्रहण करना चाहिए. जब आप नई चीजें सीखने में हिचकिचाते हैं तो ज्ञान की असीमित संभावनाओं को खो देते हैं. बेशर्मी से शिक्षा ग्रहण करना न केवल आपको अधिक सफल बनाता है बल्कि यह आपके जीवन को पूरा दृष्टिकोण मिलता है.
पैसे का लेनदेन
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि उधार दिए गए पैसों को वापस मांगने में कभी शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए. यदि आप अपने पैसे (financial assertiveness) वापस मांगने में संकोच करते हैं तो आपके निवेश के डूबने का जोखिम बढ़ जाता है. यह आपकी वित्तीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है. इसलिए धन की मांग में दृढ़ता और स्पष्टता बरतें.
पैसे कमाना
चाणक्य का कहना है कि पैसे कमाने के लिए किए जाने वाले कामों में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए, बशर्ते वह कार्य नैतिकता की सीमाओं के भीतर हो. नैतिकता (ethical earning) और ईमानदारी से कमाया पैसा ही वास्तविक समृद्धि लाता है. गलत तरीके से कमाया गया पैसा न केवल सामाजिक सम्मान को कम करता है बल्कि अंततः व्यक्ति की आत्मिक शांति को भी बाधित करता है.
भोजन
भोजन करने में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए. चाणक्य के अनुसार जब व्यक्ति भोजन करने में संकोच करता है तो कई बार उसे अपनी भूख (importance of nutrition) की अनदेखी करनी पड़ती है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. स्वस्थ भोजन करना और उसे पूरे मन से स्वीकार करना आपके तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है.
चाणक्य के अनुसार शिक्षा ग्रहण करते समय कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए. शिक्षा का कोई भी स्रोत हो उसे पूरी जल्दी से ग्रहण करना चाहिए. जब आप नई चीजें सीखने में हिचकिचाते हैं तो ज्ञान की असीमित संभावनाओं को खो देते हैं. बेशर्मी से शिक्षा ग्रहण करना न केवल आपको अधिक सफल बनाता है बल्कि यह आपके जीवन को पूरा दृष्टिकोण मिलता है.
पैसे का लेनदेन
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि उधार दिए गए पैसों को वापस मांगने में कभी शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए. यदि आप अपने पैसे (financial assertiveness) वापस मांगने में संकोच करते हैं तो आपके निवेश के डूबने का जोखिम बढ़ जाता है. यह आपकी वित्तीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है. इसलिए, धन की मांग में दृढ़ता और स्पष्टता बरतें.
पैसे कमाना
चाणक्य का कहना है कि पैसे कमाने के लिए किए जाने वाले कामों में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए, बशर्ते वह कार्य नैतिकता की सीमाओं के भीतर हो. नैतिकता (ethical earning) और ईमानदारी से कमाया पैसा ही वास्तविक समृद्धि लाता है. गलत तरीके से कमाया गया पैसा न केवल सामाजिक सम्मान को कम करता है बल्कि अंततः व्यक्ति की आत्मिक शांति को भी बाधित करता है.
भोजन
भोजन करने में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए. चाणक्य के अनुसार जब व्यक्ति भोजन करने में संकोच करता है तो कई बार उसे अपनी भूख (importance of nutrition) की अनदेखी करनी पड़ती है जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. स्वस्थ भोजन करना और उसे पूरे मन से स्वीकार करना आपके तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है।