Rajasthan News: 17 महीने में ही बदल गया जयपुर का नक्शा, अब हो गई इतने उपखंड और तहसील
Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने जयपुर जिले के प्रशासनिक ढांचे में एक बड़ा बदलाव करते हुए जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों को फिर से मिलाकर एक जिला बना दिया है. इस निर्णय के तहत नए जयपुर जिले में 16 उपखंड और 21 तहसीलें शामिल होंगी. यह कदम प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाने और विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से लिया गया है.
गहलोत सरकार का पूर्व फैसला और नई रणनीति
अगस्त 2023 में गहलोत सरकार ने जयपुर को चार हिस्सों- जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली में विभाजित किया था. लेकिन नई सरकार ने करीब 17 महीने बाद इस फैसले को पलटते हुए जयपुर जिले को फिर से एकजुट कर दिया. हालांकि कोटपूतली-बहरोड़ जिले को यथावत रखा गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक (district administrative strategy) दक्षता बढ़ाना है.
जयपुर जिले का नया स्वरूप
अब नए जयपुर जिले के अंतर्गत 16 उपखंड जैसे जयपुर, सांगानेर, आमेर, बस्सी, चाकसू, जमवारामगढ़, चौमूं, सांभरलेक आदि और 21 तहसीलें जैसे मौजमाबाद, दूदू, फागी, शाहपुरा, जोबनेर, किशनगढ़-रेनवाल आदि शामिल होंगे. इस पुनर्गठन से नए क्षेत्रों का समावेशन (district territorial integration) सुनिश्चित किया गया है.
बुनियादी सुविधाओं की कमी
पिछले 17 महीनों में जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों के लिए कोई ठोस बुनियादी ढांचा नहीं बनाया गया. जयपुर कलेक्टर के पास ही इन जिलों का अतिरिक्त चार्ज रहा, जिससे लोगों को अपने काम के लिए जयपुर मुख्यालय आना पड़ा. यह स्पष्ट करता है कि सरकार बुनियादी सेवाओं (lack of infrastructure development) को सुनिश्चित करने में असफल रही है.
भौगोलिक विस्तार और चुनौतियां
नए बदलाव के बाद जयपुर जिले की सीमा फिर से 100 किमी तक बढ़ गई है. इस जिले की आबादी अब 70 लाख हो चुकी है, जिसके लिए एक ही जिला कार्यालय सभी जरूरतें पूरी करेगा. हालांकि यह कदम प्रशासनिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण (administrative challenges for larger district) हो सकता है, लेकिन सरकार इसे बेहतर रणनीति के साथ संभालने की योजना बना रही है.
जिला कार्यालयों का मर्जर
इस पुनर्गठन के बाद जयपुर जिले में अब एक ही कलेक्टर और जिला परिषद रहेगी. जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों के विभागीय कार्यालयों को भी वापस जयपुर जिले में मर्ज कर दिया जाएगा. यह निर्णय प्रशासनिक कार्यों को केंद्रीकृत (centralized governance system) और अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया गया है.
सरकार का उद्देश्य
सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि जयपुर जिले को एकीकृत कर विकास योजनाओं को तेजी से लागू किया जा सके. इस पुनर्गठन से जिला प्रशासन (effective district planning) को सरल बनाना और जनता को सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करना है.