New Kashi City Plan: बनारस में 40 गांवों की 1300 हेक्टेयर जमीन पर बसेगी नई टाउनशिप, 18,000 करोड़ की मांग
New Kashi City Plan: उत्तर प्रदेश सरकार बनारस के ऐतिहासिक महत्व को बरकरार रखते हुए यहां नई काशी बसाने की योजना पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यह योजना बड़े पैमाने पर बदलाव लेकर आएगी। इसके तहत 40 गांवों की 1300 हेक्टेयर जमीन पर आधुनिक टाउनशिप बसाने का खाका तैयार हो चुका है। इस परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए करीब 18,000 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
नई काशी में क्या-क्या बनेगा?
नई काशी योजना के तहत, वाराणसी में आधुनिक सुविधाओं से लैस 6 टाउनशिप बनाई जाएंगी। इनमें शामिल हैं:
- काशी द्वार
- वर्ल्ड सिटी
- वैदिक सिटी
- स्पोर्ट्स सिटी
- वरुणा सिटी
- मेडिसिटी
हर टाउनशिप का उद्देश्य अलग है। मेडिसिटी स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित होगी, जबकि वर्ल्ड सिटी व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देगी। वैदिक सिटी में भारतीय परंपरा और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, जबकि स्पोर्ट्स सिटी खेल से जुड़ी सुविधाओं पर ध्यान देगी।
जमीन का अधिग्रहण और सर्वे पूरा
परियोजना के लिए रिंग रोड के किनारे स्थित 40 गांवों की जमीन का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। इन गांवों में जमीन खरीदने और बेचने पर रोक लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सरकार का मानना है कि नई काशी के बनने से वाराणसी के मुख्य क्षेत्र में आबादी का दबाव कम होगा।
शहर के विस्तार की योजना
बनारस की बढ़ती आबादी और इसके ऐतिहासिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सेक्टोरल डिवेलपमेंट और एकीकृत टाउनशिप की परिकल्पना की गई है। इसका उद्देश्य प्राचीन काशी के सांस्कृतिक स्वरूप को बनाए रखते हुए नई टाउनशिप में बड़े शहरों जैसी आधुनिक सुविधाएं देना है।
बाबतपुर एयरपोर्ट मार्ग और रिंग रोड के आसपास इन टाउनशिप को बसाने की योजना बनाई गई है। यहां मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, और मल्टीप्लेक्स बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
रोजगार के नए अवसर
नई काशी परियोजना न सिर्फ आधुनिक सुविधाएं देगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी। रिंग रोड के दोनों ओर 500 मीटर तक मिश्रित भूमि उपयोग (मिश्रित भू-योजना) को मंजूरी दी गई है। इससे क्षेत्रीय लोगों के लिए शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, शोरूम, और ऑफिस स्पेस के जरिए रोजगार के दरवाजे खुलेंगे।
दो साल में पूरी होगी परियोजना
इस परियोजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी वाराणसी विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को दी गई है। सरकार ने इसे दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यह नई योजना देशभर से निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
रिंग रोड पर दिखेंगी नई इमारतें
वाराणसी महायोजना के तहत रिंग रोड के दोनों ओर 500 मीटर तक की जमीन को मिश्रित भू-योजना के तहत रखा गया है। यहां मल्टीस्टोरी इमारतों के प्रस्ताव तेजी से आ रहे हैं। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि वाराणसी की तस्वीर भी बदलेगी।
प्रधानमंत्री की प्राथमिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस से सांसद बनने के बाद यहां विकास को नई दिशा मिली है। उनकी निगरानी में इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। नई काशी परियोजना से न केवल वाराणसी के पुराने हिस्से को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि यह आधुनिक शहर का रूप भी ले सकेगी।