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OpenAI का नया ब्राउज़र गूगल क्रोम को देगा टक्कर, क्या है इसकी खासियत?

04:24 PM Nov 15, 2024 IST | Vikash Beniwal
openai का नया ब्राउज़र गूगल क्रोम को देगा टक्कर  क्या है इसकी खासियत

OpenAI: हाल ही में अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) ने गूगल पर सर्च मार्केट में एकाधिकार बनाए रखने का आरोप लगाया और गूगल क्रोम ब्राउज़र को बेचने का सुझाव दिया है। गूगल क्रोम, जो अमेरिका के ब्राउज़र बाजार का 50% हिस्सा रखता है, गूगल सर्च के वितरण का मुख्य माध्यम है। इस मामले में ओपनएआई ने अपनी नई रणनीतियों के साथ एक नया ब्राउज़र लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो गूगल के लिए चुनौती पेश कर सकता है। ओपनएआई का यह कदम तकनीकी दुनिया में गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा को और मजबूत करने का प्रयास है।

ओपनएआई का ब्राउज़र और सर्च GPT: एक नई दिशा

ओपनएआई ने हाल ही में अपने इन-हाउस ब्राउज़र को लॉन्च करने का ऐलान किया है। यह ब्राउज़र ओपनएआई के चैटबॉट और सर्च इंजन SearchGPT के साथ इंटीग्रेटेड होगा। इसके जरिए यूजर्स को एक नया, बेहतर और सटीक अनुभव मिल सकता है। खासकर प्रीमियम यूजर्स के लिए लॉन्च किया गया SearchGPT, ओपनएआई का सर्च इंजन है जो गूगल सर्च को चुनौती देने का दम रखता है।

ओपनएआई की रणनीति है कि वह एक ऐसी खोज प्रणाली पेश करे, जो सिर्फ सामान्य सर्च रिजल्ट्स नहीं, बल्कि यूजर्स के सवालों का एआई आधारित, बेहतर और व्यक्तिगत जवाब दे सके। इसके साथ ही, ओपनएआई का ब्राउज़र यूजर्स को नए अनुभव प्रदान करने का वादा करता है। इसमें चैटबॉट और सर्च दोनों का इंटीग्रेटेड अनुभव मिलेगा, जो गूगल क्रोम के मुकाबले एक नया विकल्प हो सकता है।

गूगल क्रोम का दबदबा और ओपनएआई के लिए मौके

गूगल क्रोम की मार्केट में 50% से अधिक हिस्सेदारी है और यह गूगल सर्च का मुख्य वितरण मंच है। हालांकि, ओपनएआई का नया ब्राउज़र गूगल के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। ओपनएआई ने पहले ही कुछ प्रमुख एप डेवलपर्स और वेबसाइट्स के साथ अपने ब्राउज़र प्रोटोटाइप को साझा किया है। इसमें Conde Nast, Redfin, Eventbrite और Priceline जैसी कंपनियां शामिल हैं, जो इस ब्राउज़र के फायदों का परीक्षण कर रही हैं।

ओपनएआई का उद्देश्य गूगल क्रोम से अलग एक नया अनुभव पेश करना है। इसका मतलब है कि यूजर्स को केवल एक साधारण ब्राउज़र नहीं मिलेगा, बल्कि एक इंटेलिजेंट और व्यक्तिगत ब्राउज़िंग अनुभव मिलेगा, जो उनकी जरूरतों के अनुसार अनुकूलित होगा। ओपनएआई के चैटबॉट के साथ ब्राउज़िंग करने से यूजर्स को सही जानकारी और समाधान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, जो गूगल क्रोम जैसी पारंपरिक ब्राउज़र तकनीकों से अलग है।

DoJ का मुकदमा और ओपनएआई के लिए अवसर

गूगल के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) द्वारा चलाया जा रहा मुकदमा ओपनएआई के लिए एक बड़ा अवसर है। DoJ ने गूगल पर सर्च मार्केट में एकाधिकार बनाए रखने का आरोप लगाया और कंपनी को गूगल क्रोम ब्राउज़र बेचने का सुझाव दिया। अगर यह मुकदमा गूगल के खिलाफ जाता है, तो इससे गूगल की मार्केट पकड़ कमजोर हो सकती है, जिससे ओपनएआई को बड़ा लाभ हो सकता है। ओपनएआई के लिए यह मौका इस कारण खास है क्योंकि वह अब केवल एक एआई कंपनी नहीं है, बल्कि एक नया तकनीकी प्लेटफॉर्म बनकर उभर रहा है, जो सर्च, चैटबॉट और ब्राउज़िंग को इंटीग्रेटेड अनुभव में बदल सकता है।

ओपनएआई का ब्राउज़र अगर लॉन्च होता है, तो यह सीधे तौर पर गूगल क्रोम के खिलाफ खड़ा होगा, जो वर्तमान में बाजार पर कब्जा किए हुए है। ओपनएआई के लिए यह ब्राउज़र एक बड़े कदम की तरह हो सकता है, जो गूगल के प्रभुत्व को चुनौती देगा और तकनीकी दुनिया में नए बदलाव ला सकता है।

ओपनएआई की भविष्यवाणी: टेक्नोलॉजी का नया दौर

ओपनएआई के ब्राउज़र के लॉन्च के साथ, यह साबित हो सकता है कि एआई आधारित टूल्स और सेवाएं अब केवल सर्च इंजन या चैटबॉट तक सीमित नहीं रहेंगी। ओपनएआई ने पहले ही अपने चैटबॉट्स और सर्च इंजन को इंटीग्रेटेड करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके माध्यम से कंपनी यह दिखाना चाहती है कि वह गूगल के मुकाबले एक नई दिशा में काम कर रही है, जो यूजर्स के लिए अधिक सटीक और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सके।

अब देखना यह होगा कि ओपनएआई के इस ब्राउज़र को यूजर्स और डेवलपर्स किस तरह से अपनाते हैं और क्या यह गूगल के लिए वाकई में चुनौती बनता है।

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