Petrol Pump: पेट्रोल डलवाते वक्त इन 3 बातों का रखें खास ध्यान, वरना आपको लग सकता है चूना
Petrol Pump: आज के दौर में जहां हर किसी के पास अपना निजी वाहन है. पेट्रोल पंपों पर धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. अनेक बार ग्राहकों को कम पेट्रोल डीलने या डिस्प्ले मीटर में हेराफेरी के चलते आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. यह समस्या इतनी व्यापक है कि इससे निपटने के लिए सिर्फ ध्यान देना ही पर्याप्त नहीं है.
सुरक्षा उपाय और उपभोक्ता की सजगता
पेट्रोल भरवाते समय उपभोक्ताओं को विशेष तौर पर मीटर की मात्रा (meter reading) पर ध्यान देने की जरूरत है. यद्यपि इससे धोखाधड़ी की सभी संभावनाओं को खत्म नहीं किया जा सकता. कुछ खास दिशानिर्देशों का पालन करके इसे काफी हद तक रोका जा सकता है. उपभोक्ता विभाग ने इस संदर्भ में कुछ गाइडलाइंस जारी किए हैं जो ग्राहकों को पेट्रोल पंपों पर होने वाली धोखाधड़ी से बचने में मदद कर सकते हैं.
पेट्रोल पंप पर क्या करें
- मीटर रीडिंग की जांच: पेट्रोल या डीजल भरवाते समय सबसे पहले मीटर रीडिंग 0.00 होना सुनिश्चित करें.
- डिस्पेंसिंग मशीन के सर्टिफिकेट: मशीन पर लगे वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट को अवश्य चेक करें. यह सुनिश्चित करता है कि मशीन का कैलिब्रेशन सही है.
- डेंसिटी चेक: पेट्रोल की डेंसिटी की जांच करने से यह पता चलता है कि आपको सही मात्रा में ईंधन मिल रहा है या नहीं.
शिकायत कहाँ करें
किसी भी प्रकार की शंका या धोखाधड़ी के मामले में ग्राहक उपभोक्ता मामलों के विभाग या लीगल मेट्रोलॉजी ऑफिसर से संपर्क कर सकते हैं. यदि आपको लगता है कि पेट्रोल पंप द्वारा आपके साथ अन्याय हुआ है, तो आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.