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Potato Cultivation : किसान भाई इस तरीके से करें आलू की खेती, कमाई होगी जमकर

12:41 PM Nov 15, 2024 IST | Vikash Beniwal

Potato Cultivation : आलू की खेती में एरोपोनिक तकनीक की मदद से हरियाणा के करनाल जिले में किसानों के लिए नई उम्मीदें जागी हैं। शामगढ़ में स्थापित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र ने एरोपोनिक तकनीक का उपयोग करके आलू के बीज तैयार करने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू किया है। यह तकनीक मिट्टी के बिना, हवा में आलू की खेती करने पर आधारित है, जिससे न केवल आलू की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, बल्कि किसानों को भी अधिक लाभ हो रहा है।

एरोपोनिक तकनीक में आलू की खेती के फायदे

एरोपोनिक तकनीक ने किसानों के लिए कई लाभकारी पहलुओं को उजागर किया है। इसमें मिट्टी का उपयोग नहीं होता, जिससे खेती के लिए कम संसाधनों की आवश्यकता होती है।

मिट्टी की आवश्यकता नहीं

इस तकनीक में आलू को मिट्टी के बिना हवा में उगाया जाता है। इस वजह से रोगों और कीटों का खतरा बहुत कम हो जाता है।हवा में उगने वाले आलू की गुणवत्ता मिट्टी में उगने वाले आलू से अधिक होती है। इससे किसानों को उच्च गुणवत्ता का उत्पादन मिलता है।

10 गुना अधिक उत्पादन

सामान्य खेती की तुलना में इस तकनीक से 10 गुना अधिक उत्पादन होता है, जो किसानों के लिए अधिक मुनाफा का कारण बनता है।

बीजों में बीमारी का खतरा कम

एरोपोनिक तकनीक में बीजों में किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं होता, क्योंकि यह मिट्टी रहित तकनीक है।

स्वस्थ पौधे

पोषक तत्वों की सही मात्रा और उचित जल आपूर्ति के कारण पौधे पूरी तरह से स्वस्थ रहते हैं और अधिक लाभकारी होते हैं।

एरोपोनिक तकनीक में आलू उगाने की प्रक्रिया

आलू की खेती में एरोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बीजों का उत्पादन एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक प्रक्रिया है।

टिश्यू कल्चर विधि से पौध तैयार करना

आलू के पौधों को पहले नर्सरी में टिश्यू कल्चर विधि से तैयार किया जाता है, जिससे पौध स्वस्थ और मजबूत होते हैं।

कोकोपिट में पौधों का विकास

पौधों को कोकोपिट में 20 दिनों तक रखा जाता है। यह पौधों को पोषण और पानी प्रदान करता है।

एरोपोनिक बॉक्स में पौधों की लटकाई

तैयार पौधों को एरोपोनिक बॉक्स में लटका दिया जाता है, जहां उन्हें पोषक तत्व दिए जाते हैं और पानी का नियमित रूप से छिड़काव किया जाता है।

फफूंदनाशक से रूट्स का उपचार

पौधों की जड़ों को फफूंदनाशक में डुबोकर संक्रमण से बचाया जाता है, जिससे पौधे स्वस्थ रहते हैं।

पीएच स्तर की निगरानी

पौधों के लिए सही पोषक तत्व और जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से पीएच स्तर चेक किया जाता है।

हरियाणा सरकार ने एरोपोनिक तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया है। इस तकनीक को लागू करने के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होगा।

यह आलू प्रौद्योगिकी केंद्र किसानों के जीवन में सुधार लाने और उन्हें अधिक मुनाफा दिलाने का प्रयास कर रहा है। सरकार की यह पहल हरियाणा के किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है और इससे राज्य की कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।

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