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UP Railway: यूपी के इन जिलों से होकर बिछेगी नई रेल्वे पटरियां, सरकार ने दी मंजूरी

02:52 PM Dec 04, 2024 IST | Vikash Beniwal
up railway  यूपी के इन जिलों से होकर बिछेगी नई रेल्वे पटरियां  सरकार ने दी मंजूरी

UP Railway: भारत सरकार की केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे के क्षेत्र में तीन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है.इन परियोजनाओं के तहत मुंबई से प्रयागराज ट्रंक लाइन पर मनमाड से खंडवा तक चौथी लाइन बिछाने और मानिकपुर से प्रयागराज के इरादतगंज तक तीसरी लाइन बिछाने का काम किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.इन परियोजनाओं पर कुल 7927 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.जो भारतीय रेलवे नेटवर्क के विस्तार के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है।

375 किलोमीटर लंबी परियोजनाओं का होगा विस्तार

इन तीन परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 375 किलोमीटर का रेलवे नेटवर्क विस्तार किया जाएगा.इससे न केवल मुंबई और प्रयागराज के बीच यात्रा में सुगमता आएगी.बल्कि इस परियोजना से पूरे देश में रेलवे कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इन परियोजनाओं की लागत में से 2773 करोड़ रुपये मनमाड से भुसावल तक 160 किलोमीटर की चौथी लाइन बिछाने के लिए निर्धारित किए गए हैं.इसके अलावा भुसावल से खंडवा तक तीसरी और चौथी लाइन के लिए 3514 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

चौथी और तीसरी लाइन का निर्माण

मनमाड से भुसावल के बीच 160 किलोमीटर लंबी चौथी रेलवे लाइन का निर्माण किया जाएगा.इस परियोजना पर कुल 2773 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.यह परियोजना रेलवे यातायात की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए शुरू की जा रही है.ताकि रेलमार्ग पर अधिक ट्रेनों की आवाजाही सुनिश्चित की जा सके.

इसके साथ ही भुसावल से खंडवा तक 131 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन बिछाने का काम भी किया जाएगा.जिस पर 3514 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.इस योजना में भुसावल जंक्शन पर रेल फ्लाईओवर का निर्माण भी शामिल है।

मानिकपुर से इरादतगंज तक तीसरी लाइन का निर्माण

इसके अलावा मानिकपुर से इरादतगंज तक 84 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी.इस परियोजना की अनुमानित लागत 1640 करोड़ रुपये है.इससे रेलवे के ट्रेनों के संचालन में आसानी होगी और यातायात की गति में भी वृद्धि होगी.यह परियोजना पूर्वी भारत और पश्चिमी भारत के बीच व्यापार और परिवहन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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