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Indian Railway: भारत का ऐसा राज्य में जिसमें नही है कोई रेल्वे स्टेशन, दूसरे राज्यों से पकड़ते है ट्रेन

07:11 PM Dec 16, 2024 IST | Vikash Beniwal
indian railway  भारत का ऐसा राज्य में जिसमें नही है कोई रेल्वे स्टेशन  दूसरे राज्यों से पकड़ते है ट्रेन

Indian Railway: भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में रेल नेटवर्क का जाल बिछा हुआ है लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा राज्य है जहां आज भी रेलवे का नेटवर्क नहीं पहुंचा है? यह राज्य है सिक्किम. हालांकि हाल के प्रयासों के तहत इस राज्य को जल्द ही पहला रेलवे स्टेशन मिलने वाला है.

सिक्किम

सिक्किम (second smallest state in India) भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है जो अपनी खूबसूरत पहाड़ियों और प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है. एरिया और जनसंख्या के मामले में यह राज्य देश के सबसे छोटे राज्यों में आता है. यहां के नागरिकों के लिए रेलवे की शुरुआत एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी.

रंगपो

इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रंगपो (first railway station in Sikkim) में सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखी. यह स्टेशन सेवोके-रंगपो रेल परियोजना का हिस्सा है, जो राज्य को रेलवे से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.

तीन चरणों में पूरी होगी रेलवे परियोजना

सिक्किम में रेलवे नेटवर्क को तीन चरणों (phases of Sikkim rail project) में विकसित किया जाएगा.

  • पहले चरण में सेवोके से रंगपो तक रेलवे लाइन बिछाई जाएगी.
  • दूसरे चरण में रंगपो से गंगटोक तक नेटवर्क का विस्तार होगा.
  • तीसरे चरण में गंगटोक से नाथुला तक रेलवे लाइन बनाई जाएगी.

भूगोल बना सबसे बड़ी बाधा

सिक्किम की भूगौलिक स्थिति (geographical challenges for railways in Sikkim) रेलवे नेटवर्क के विस्तार में सबसे बड़ी चुनौती रही है. यह राज्य पूरी तरह पहाड़ी क्षेत्र है, जहां समतल भूमि नहीं है. ऐसे में रेलवे लाइन बिछाना तकनीकी रूप से बेहद कठिन है.

क्यों अब तक नहीं हुआ रेल नेटवर्क का विस्तार?

सिक्किम में रेल नेटवर्क (no rail network in Sikkim) के विस्तार की मुख्य वजह यहां की जटिल भूगौलिक संरचना रही है. पहाड़ी इलाकों में रेल मार्ग बनाना महंगा और समय-साध्य है. इसके अलावा, राज्य में समतल क्षेत्र की कमी ने इस प्रक्रिया को और भी मुश्किल बना दिया.

सेवोके-रंगपो रेल परियोजना की विशेषताएं

सेवोके-रंगपो रेल परियोजना (Sevoke-Rangpo rail project features) देश के पूर्वोत्तर राज्यों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का एक बड़ा कदम है.

  • इस रेल मार्ग की कुल लंबाई लगभग 44 किमी होगी.
  • इसमें 38 किमी लंबी सुरंगें शामिल होंगी.
  • परियोजना का उद्देश्य यात्री और माल परिवहन में सुधार करना है.

स्थानीय जनता को मिलेगा बड़ा फायदा

सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन के निर्माण से स्थानीय जनता (benefits of railways in Sikkim) को बड़ी राहत मिलेगी. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे. इसके अलावा, राज्य के लोगों को अन्य राज्यों तक पहुंचने में सहूलियत होगी.

सरकार की रोक

भारतीय रेलवे और केंद्र सरकार (Indian government commitment to railways) सिक्किम में रेलवे नेटवर्क के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह परियोजना न केवल राज्य के विकास को गति देगी बल्कि इसे देश के मुख्यधारा से जोड़ने में भी मददगार साबित होगी.

पर्यटकों के लिए नई उम्मीदें

रेलवे नेटवर्क के विकास से सिक्किम में पर्यटन (Sikkim tourism boost through railways) को नई ऊंचाई मिलेगी. अब तक यहां पहुंचना मुश्किल और महंगा था, लेकिन रेलवे की शुरुआत से पर्यटक आसानी से इस राज्य की खूबसूरती का आनंद ले सकेंगे.

ऐतिहासिक बदलाव की ओर सिक्किम

सेवोके-रंगपो परियोजना सिक्किम के इतिहास (historic change in Sikkim) में एक नया अध्याय जोड़ेगी. यह राज्य, जो अब तक रेलवे नेटवर्क से अछूता था, अब विकास और आधुनिकता की ओर कदम बढ़ा रहा है.

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