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Supreme Court: किराये पर दी गई संपत्ति पर कब्ज़ा! क्या आपको 12 वर्षों के बाद अपनी संपत्ति का अधिकार खोने का डर है?"

04:24 PM Oct 09, 2024 IST | Vikash Beniwal
supreme court  किराये पर दी गई संपत्ति पर कब्ज़ा  क्या आपको 12 वर्षों के बाद अपनी संपत्ति का अधिकार खोने का डर है

Supreme Court: बहुत से लोग रियल एस्टेट में निवेश करते हैं और अपनी संपत्ति को किराये पर देकर स्थायी आय अर्जित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किरायेदार अगर 12 साल तक आपकी संपत्ति पर कब्जा करता है और आप कोई कानूनी कदम नहीं उठाते, तो वह आपकी संपत्ति का मालिक बन सकता है? यह स्थिति "एडवर्स पोज़िशन" के रूप में जानी जाती है और यह संपत्ति मालिक के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।

एडवर्स पोज़िशन: क्या है यह कानूनी धारणा?
एडवर्स पोज़िशन एक कानूनी सिद्धांत है जिसमें कोई व्यक्ति, जो संपत्ति पर बिना स्वामी की अनुमति के कब्जा करता है, 12 वर्षों के बाद उस संपत्ति का मालिक बनने का दावा कर सकता है। यह प्रावधान संपत्ति अधिनियम के तहत आता है और संपत्ति के स्वामित्व के अधिकार को प्रभावित कर सकता है।

भारत में, अगर कोई व्यक्ति 12 वर्षों तक किराये की संपत्ति पर कब्जा करता है और उस दौरान संपत्ति मालिक कोई फौजदारी कार्रवाई नहीं करता, तो वह उस संपत्ति का मालिक बन सकता है। सरकारी संपत्ति के मामले में यह अवधि 30 वर्ष होती है।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया था, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति किसी संपत्ति पर लगातार 12 वर्षों तक बिना किसी शिकायत के कब्जा करता है, तो उसे उस संपत्ति का स्वामी माना जाएगा। यह फैसला संपत्ति के अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए लिया गया था।

किरायेदार के पास क्या सबूत होने चाहिए?
यदि किसी व्यक्ति को अपनी संपत्ति पर 12 साल से कब्जा करने का दावा करना है, तो उसे संपत्ति का प्रमाण पेश करना होता है। इसमें पानी का बिल, बिजली का बिल, और अन्य दस्तावेज़ शामिल हो सकते हैं जो यह साबित करें कि वह उस संपत्ति पर लंबे समय से रह रहा है। इन दस्तावेजों के आधार पर ही एडवर्स पोज़िशन का दावा किया जा सकता है।

संपत्ति मालिक के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
यह सुनिश्चित करें कि किरायेदार ने संपत्ति पर कब्जा न किया हो। यदि कोई किरायेदार नियमों का उल्लंघन कर रहा है, तो कानूनी कार्रवाई करने में देरी न करें।सुनिश्चित करें कि किरायेदार समय-समय पर आवश्यक भुगतान और दस्तावेज़ प्रदान करता है। संपत्ति के सभी कानूनी दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखें और किसी भी कानूनी विवाद से बचने के लिए उन्हें सही स्थान पर जमा करें।

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