Suprim Court : सुप्रीम कोर्ट ने कब्जे वाले जमीनों का बनाया नया नियम, सुप्रीम कोर्ट ने ने कही यह बात, जानें
Suprim Court : कई लोग रियल एस्टेट में निवेश करते हैं और अपनी संपत्ति को किराए पर देकर स्थिर आय अर्जित करते हैं। लेकिन इस निवेश के दौरान एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है - क्या होगा अगर किरायेदार लंबे समय तक संपत्ति पर कब्जा कर ले और मालिक ने उसे इस बारे में कोई शिकायत नहीं की हो? सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 2014 में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया था, जिससे संपत्ति के मालिक और किरायेदार दोनों को कानूनी स्थिति स्पष्ट हो गई है।
"एडवर्स पोज़िशन" क्या है?
किरायेदारों द्वारा संपत्ति पर लगातार कब्ज़ा करने के अधिकार को "एडवर्स पोज़िशन" कहा जाता है। इस स्थिति में अगर कोई व्यक्ति किसी संपत्ति पर 12 साल तक लगातार कब्जा करता है, तो उसे उस संपत्ति का मालिक माना जा सकता है। इसके लिए कुछ शर्तें हैं:
संपत्ति के मालिक को पिछले 12 वर्षों में कोई शिकायत नहीं करनी चाहिए।
किरायेदार को अपनी संपत्ति का प्रमाण जैसे पानी का बिल, बिजली का बिल, आदि प्रस्तुत करना होगा।अगर किरायेदार ने 12 साल से अधिक समय तक बिना किसी विवाद के संपत्ति पर कब्जा कर रखा है, तो वह उस संपत्ति का मालिक बन सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति 12 साल तक बिना किसी शिकायत के किसी संपत्ति पर कब्जा करता है, तो उसे स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हो सकता है। इसके अलावा, सरकारी संपत्ति के लिए यह समय सीमा 30 वर्ष तक बढ़ाई गई है। किसी भी निजी संपत्ति पर दावा करने की अवधि 12 वर्ष है। यदि कोई किरायेदार या अन्य व्यक्ति बिना किसी शिकायत के 12 वर्षों तक उस संपत्ति पर कब्जा करता है, तो वह संपत्ति का मालिक बन सकता है।
संपत्ति पर कब्ज़ा करने के अधिकार के लाभ
अगर कोई व्यक्ति बिना किसी शिकायत के लंबी अवधि तक किसी संपत्ति पर कब्जा करता है, तो उसे कानूनी रूप से उसकी संपत्ति का मालिक माना जा सकता है।यह कानून संपत्ति पर कब्ज़े का अधिकार स्थापित करता है और स्वामित्व के अधिकार को भी सुनिश्चित करता है। यह निर्णय संपत्ति विवादों में कमी लाने में मदद कर सकता है, क्योंकि अब किरायेदारों को अधिक सुरक्षा प्राप्त होगी।