For the best experience, open
https://m.dharataltv.com
on your mobile browser.

Second Longest Expressway: इस जगह तैयार हो रहा है देश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे, इन 6 राज्यों के साथ बढ़ेगी कनेक्टिविटी

10:37 AM Oct 16, 2024 IST | Vikash Beniwal
second longest expressway  इस जगह तैयार हो रहा है देश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे  इन 6 राज्यों के साथ बढ़ेगी कनेक्टिविटी

Second Longest Expressway: भारतीय सड़क परिवहन नेटवर्क में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है जिसका नाम है सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे (Surat-Chennai Expressway). इसकी कुल लंबाई 1,271 किलोमीटर होगी. जो इसे देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनाएगा. यह एक्सप्रेसवे दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों, सूरत और चेन्नई को जोड़ेगा और वेस्टर्न घाट (Western Ghats) के रास्ते से होकर गुजरेगा, जिससे यात्रा का अनुभव और भी मनोरम होगा.

प्रोजेक्ट की समय सीमा और लागत

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का काम संभाल रहा है और इस परियोजना पर करीब 50,000 करोड़ रुपये की लागत (project cost) आने का अनुमान है. योजना के अनुसार इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 2 साल में पूरा होगा. जिससे चेन्नई और सूरत के बीच की यात्रा की दूरी में कमी आएगी और समय भी घटेगा.

यात्रा का समय कैसे घटेगा?

वर्तमान में चेन्नई और सूरत के बीच की 1,600 किलोमीटर की यात्रा में लगभग 35 घंटे लगते हैं. इस नए एक्सप्रेसवे के बन जाने से यह समय घटकर केवल 18 घंटे रह जाएगा, जो कि मौजूदा समय का लगभग आधा है (travel time reduction). इससे यात्री अपना समय और ऊर्जा दोनों बचा सकेंगे.

छह राज्यों के मध्य संपर्क

यह एक्सप्रेसवे भारत के छह प्रमुख राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु (major Indian states) को जोड़ेगा. इससे इन राज्यों के बीच की यात्रा और व्यापार को सुगम बनाने में मदद मिलेगी.

महत्वपूर्ण शहरों की कनेक्टिविटी

सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे कई महत्वपूर्ण शहरों जैसे तिरुपति, कडपा, कुर्नूल, कलबुर्गी, सोलापुर, अहमदनगर और नासिक (important cities) को भी जोड़ेगा. इससे स्थानीय विकास में तेजी आएगी और राज्यों के बीच का संपर्क और भी मजबूत होगा.

परियोजना का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में इस परियोजना का उद्घाटन किया था. इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने की उम्मीद दिसंबर 2025 तक है. जिससे दक्षिणी और पश्चिमी भारत (Southern and Western India) के बीच की कनेक्टिविटी में क्रांति आएगी. इस परियोजना से न केवल यात्रा में सुधार होगा बल्कि संबंधित राज्यों में व्यापार और औद्योगिक विकास में भी बढ़ोतरी होगी.

Tags :