Delhi-Amritsar-Katra Greenfield Expressway: शुरू हुआ इस हाइवे का सफर, 120 की स्पीड लिमिट, होंगे इतने टोल!
Expressway: दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाला दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया। इस आधुनिक एक्सप्रेसवे के पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है। हरियाणा के हिस्से में सड़क का निर्माण पूरा हो गया है। यह परियोजना यात्रियों के लिए सफर को सुविधाजनक और तेज बनाने का वादा करती है।
क्या खास है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में?
यह एक्सप्रेसवे एक्सेस-कंट्रोल्ड फोर लेन सड़क है, जहां कारें अब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती हैं। सुरक्षा के लिए सड़क के दोनों ओर रेलिंग लगाई गई है। इसके अलावा, सड़क के नीचे दीवार बनाई गई है ताकि कोई लावारिस पशु सड़क पर न आ सके।
डिवाइडर पर हरियाली बनाए रखने के लिए पौधारोपण किया गया है। पौधों की सिंचाई के लिए आधुनिक फव्वारे लगाए गए हैं। यह एक्सप्रेसवे पर्यावरण को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है।
सात टोल प्लाजा और बूथलेस टोल सिस्टम
117 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर सात टोल प्लाजा बनाए गए हैं। खास बात यह है कि यहां बूथलेस टोल सिस्टम शुरू किया गया है। इसका मतलब है कि गाड़ियों पर लगे फास्टैग से स्वचालित भुगतान हो जाएगा।
किन वाहनों को मिलेगी एंट्री?
यह सड़क केवल लाइट मोटर व्हीकल (कारें) और हैवी मोटर व्हीकल (ट्रक, बस) के लिए है। बाइक और ऑटो-रिक्शा को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। साइन बोर्ड जगह-जगह लगाए गए हैं ताकि यात्री इस नियम से अवगत रहें।
हरियाणा में एक्सप्रेसवे के लाभ
हरियाणा के सोनीपत, रोहतक और जींद जिलों को इस एक्सप्रेसवे से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा, यह दिल्ली से माता वैष्णो देवी और स्वर्ण मंदिर अमृतसर जाने वाले यात्रियों के लिए सफर को आसान बना देगा।
सफर के दौरान क्या मिलेगा?
हर 100 मीटर की दूरी पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं। यह दूरी और दिशा की जानकारी देंगे। सड़क पर यात्रा करने वाले यात्रियों का कहना है कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का सफर बेहद आरामदायक है।
एक यात्री ने कहा, "अब माता वैष्णो देवी के धाम जाने का रास्ता बहुत सुविधाजनक हो गया है। पहले जहां कई घंटे लगते थे, अब सफर तेज और सुगम हो गया है।"
टोल और स्पीड लिमिट
केएमपी एक्सप्रेसवे की तरह ही यहां भी आप जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल चुकाना होगा। छोटे वाहनों के लिए 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड लिमिट तय की गई है। हैवी वाहनों को 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की अनुमति है।
क्या है एक्सप्रेसवे का भविष्य?
पूरे एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह जम्मू-कश्मीर के कटरा तक जुड़ जाएगा। इससे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी। इस प्रोजेक्ट को यात्रियों और स्थानीय लोगों से भरपूर समर्थन मिल रहा है।