Haryana News: हरियाणा में इन ग्राम पंचायतों की हुई मौज, 58 लाख लोगों को मिलेंगे जमीन के पट्टे
Haryana News: भारतीय किसानों के जीवन में जमीन का मालिकाना हक एक अहम पहलू होता है. जमीन से उनकी आजीविका सीधे तौर पर जुड़ी होती है और इसका मालिक होने का मतलब है सुरक्षा और स्थायित्व. ग्रामीण भारत में कई किसानों को उनकी जमीन का आधिकारिक स्वामित्व नहीं होता, जिससे वे अनेक सरकारी लाभों से वंचित रह जाते हैं. सरकार ने इस समस्या को समझते हुए स्वामित्व योजना की शुरुआत की है जिससे किसानों को उनकी जमीन के आधिकारिक पट्टे दिए जा सकें.
स्वामित्व योजना की घोषणा अप्रैल 2020 में की गई थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में जमीन के स्वामित्व को कानूनी मान्यता प्रदान करना है. इसके तहत ग्रामीणों को जमीन के पट्टे बांटे जाते हैं जो उन्हें विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने में मदद कर सकते हैं. यह योजना भूमि संबंधी विवादों को भी कम करने का काम करेगी.
संपत्ति कार्ड की जानकारी
सरकार ने 58 लाख ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड वितरित करने का लक्ष्य रखा है. यह कार्ड उन्हें अपनी संपत्ति पर कानूनी अधिकार सुनिश्चित करने के साथ-साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अनुमति देगा. 12 राज्यों में यह वितरण प्रक्रिया चल रही है और इसे प्रधानमंत्री खुद ऑनलाइन संबोधित कर रहे हैं.
ड्रोन सर्वेक्षण
भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक (drone technology use) का उपयोग करके जमीन की सटीक मैपिंग की है. अब तक 3.17 लाख गांवों में यह सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है, जिससे संपत्ति कार्ड तैयार करने में मदद मिली है.
स्वामित्व योजना के लाभ
इस योजना के फायदे अनेक हैं. ग्रामीणों को उनकी संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व मिलने से न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि वे अधिक संपत्ति के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं और अन्य वित्तीय लाभों का भी फायदा उठा सकते हैं.
संपत्ति कार्ड लेने की प्रक्रिया
संपत्ति कार्ड लेने के लिए व्यक्तियों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है. इसके बाद, सरकारी अधिकारियों द्वारा मैपिंग और सीमांकन की प्रक्रिया की जाती है, जिसके पूरा होने पर संपत्ति के स्वामित्व का प्रमाणपत्र दिया जाता है.