Indian Railways: एक-दो घंटे नहीं बल्कि चार साल लेट हो गई थी ये ट्रेन, जब स्टेशन पहुंची तो इसे देख सब रह गए हैरान
Indian Railways: विशाखापत्तनम से बस्ती (Uttar Pradesh) तक की यात्रा में एक मालगाड़ी को लगभग चार साल का समय लगा. जिसे भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे लंबी देरी वाली यात्रा माना गया है. यह यात्रा न केवल असामान्य थी बल्कि यह दिखाती है कि किस प्रकार अनपेक्षित परिस्थितियों में भी व्यवस्थापनिक अव्यवस्था यात्रा को प्रभावित कर सकती है.
मालगाड़ी की अनूठी चुनौतियाँ
इस मालगाड़ी में डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP fertilizer) की 1,316 बोरियाँ लदी हुई थीं, जो 10 नवंबर 2014 को विशाखापत्तनम से चली थी और 25 जुलाई 2018 को बस्ती पहुंची. इस देरी के दौरान अनेक जटिलताएं सामने आईं जिन्होंने रेलवे अधिकारियों को भी चकित कर दिया.
रेलवे अधिकारियों का आश्चर्य और प्रतिक्रिया
रेलवे अधिकारियों के लिए यह एक बड़ी पहेली बन गया कि आखिर ट्रेन को इतना समय क्यों लगा. जबकि यह दूरी आमतौर पर केवल 42 घंटे में पूरी की जाती है. इस मामले में ट्रेन को इसे पूरा करने में 3.5 साल से अधिक समय लगा, जो कि अब तक की सबसे बड़ी देरी है.
बस्ती के व्यवसायी और उनका संघर्ष
बस्ती के एक व्यवसायी रामचंद्र गुप्ता ने इस उर्वरक का ऑर्डर दिया था. जब उन्हें मालगाड़ी के लापता होने का पता चला, तो उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से संपर्क साधा और कई शिकायतें दर्ज कराईं. लेकिन बहुत देर तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
ट्रेन का पता लगाना और नतीजे
जब यह ट्रेन बस्ती पहुंची तो यह खुलासा हुआ कि ट्रेन को रास्ते में ही लापता मान लिया गया था और यह एक यार्ड में खड़ी थी. पूर्वोत्तर रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव के अनुसार कभी-कभी जब कोई वैगन या बोगी सिक हो जाती है, तो उसे यार्ड में भेज दिया जाता है और ऐसा लगता है कि इस मामले में भी यही हुआ.