Grey-Water Management: इन गांवों में ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम के तहत पानी को किया जाएगा शुद्ध, खर्च किए जाएंगे 4.20 करोड़ रूपए
Grey-Water Management: झज्जर जिले में दूषित पानी को पुनः उपयोग में लाने के लिए एक नया और महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। पंचायत विभाग ने जिले के 6 गांवों में लगभग 4.20 करोड़ रुपये की लागत से ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य दूषित पानी का उपचार करना और उसे कृषि जैसे उपयोगी कार्यों में पुनः इस्तेमाल करना है, जिससे भू-जल स्तर में सुधार किया जा सके।
ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम
ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट प्रणाली के अंतर्गत घरेलू उपयोग के बाद बचे पानी को साफ कर, उसे फिर से उपयोग में लाया जाएगा। खासकर खेती में इस पानी का उपयोग किया जाएगा, जिससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि भू-जल स्तर में भी सुधार होगा। यह कदम खासतौर पर उन गांवों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां पानी की भारी कमी और गिरते भू-जल स्तर का संकट लगातार बढ़ रहा है।
प्रोजेक्ट के तहत काम
झज्जर जिले के 6 गांवों में इस परियोजना का कार्य शुरू किया जाएगा। पंचायत विभाग ने इस परियोजना के लिए वर्क आर्डर जारी कर दिए हैं और GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चौथे चरण की पाबंदियां हटने के बाद काम शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न गांवों में ग्रे-वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे, जो दूषित पानी को साफ करके कृषि कार्यों में उपयोगी बनाएंगे।
ग्राम स्तर पर ग्रे-वॉटर योजना की लागत
सीधीपुर 87.50 लाख
नूना माजरा 87.34 लाख
दुलहेड़ा 75.61 लाख
बाबरा 47.20 लाख
लोहाट 5.77 लाख
लुकसर 98.50 लाख
प्रोजेक्ट का उद्देश्य और लाभ
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य गांवों में गिरते भू-जल स्तर को सुधारना है। दूषित पानी के पुनः उपयोग से पानी की बचत होगी और कृषि कार्यों के लिए एक स्थिर जल स्रोत सुनिश्चित होगा। यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय जलवायु और पर्यावरणीय स्थिति के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
समय-सीमा और कार्यान्वयन
पंचायत विभाग ने इस प्रोजेक्ट को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इस समय-सीमा में सभी गांवों में ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किए जाएंगे और कार्यों की निगरानी भी की जाएगी।