Stubble Burning: खेतों में पराली जलाने वाले किसानों की सेटेलाइट ने खोली पोल, अब होगी ये कार्रवाई
Stubble Burning: पश्चिमी चंपारण जिले में डेढ़ दर्जन किसानों को सेटेलाइट के माध्यम से खेतों में पराली जलाते हुए पहचाना गया है. पटना से जिला कार्यालय को इसकी सूची प्राप्त हुई है, और अब विभाग इन किसानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी में है. जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषि कर्मियों को अक्षांश और देशांतर के आधार पर इन किसानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है.
विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई
मैनाटांड़, गौनाहा, और बगहा एक क्षेत्र के किसानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जहां पराली जलाने के मामले सबसे अधिक हैं. इन किसानों को चिन्हित कर उनके निबंधन को निलंबित किया जाएगा और उन्हें अगले तीन साल तक कृषि विभाग की योजनाओं से वंचित रखा जाएगा.
किसानों की चुनौतियां और पराली प्रबंधन
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अभय कुमार के अनुसार, पराली जलाने वाले किसानों की संख्या में मैनटांड के चार, गौनाहा के तीन, बगहा एक के तीन, बगहा दो के एक, पिपरासी रामनगर एक-एक किसान शामिल हैं. खेतों में पराली नहीं जलाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन फिर भी कई किसान निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं.
व्यापक प्रभाव और भविष्य की कार्रवाई
जिले में अब तक 4 दर्जन से अधिक किसानों पर पराली जलाने के मामले में कार्रवाई की गई है. ये किसान ब्लैकलिस्टेड किए गए हैं और उनकी गतिविधियों पर नजदीकी नजर रखी जा रही है. जिला कृषि पदाधिकारी के अनुसार आगे भी पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और इससे खेतों की मृदा की सुरक्षा और फसलों की उत्पादकता में सुधार होगा.