Indian Railway: ट्रेन के जनरल डिब्बे में 3 गेट क्यों होते है, कारण भी है बेहद खास
Indian Railway: भारतीय रेल का सफर कई दशकों से चल रहा है. जहां हर यात्री ने कभी न कभी इसका अनुभव जरूर किया होगा. यह व्यवस्था समय के साथ और अधिक आधुनिक और सुविधाजनक बनती जा रही है.
कोच के प्रकार और उनकी विशेषताएं
आप जानते ही होंगे कि ट्रेन में विभिन्न प्रकार के कोच होते हैं जैसे कि एसी, स्लीपर और जनरल. प्रत्येक कोच की अपनी खासियत होती है और यात्रियों को उनके हिसाब से सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं.
कोच के गेटों की संख्या पर एक नजर
शायद आपने नोट किया हो कि स्लीपर या अन्य आरक्षित कोच में आमतौर पर दो ही गेट होते हैं. जबकि कुछ जनरल कोच में तीन गेट होते हैं. इस अंतर का कारण बेहद रोचक है.
आरक्षित और अनारक्षित कोच
रेलवे अधिकारियों के अनुसार एसी और स्लीपर कोच में सीटें पहले से आरक्षित होती हैं. जिससे यात्रियों की संख्या नियंत्रित और पूर्वानुमानित होती है. इस कारण इन कोचों में दो गेट पर्याप्त होते हैं.
जनरल कोच की विशेषता
दूसरी ओर, जनरल कोच में उम्मीद से अधिक भीड़ होती है और यात्रियों का आवागमन अधिक होता है. यही कारण है कि इनमें तीन गेट प्रदान किए जाते हैं. ताकि आपात स्थिति में यात्री आसानी से चढ़ सकें और उतर सकें.
सुरक्षा और सुगमता के लिए उठाया गया कदम
यह व्यवस्था न केवल यात्रियों की सुविधा के लिए है. बल्कि यह सुरक्षा के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है. भारी भीड़ को नियंत्रित करने और आपातकालीन निकासी को सुनिश्चित करने के लिए जनरल कोच में अतिरिक्त गेट की आवश्यकता होती है.