दुल्हन विदाई के टाइम क्यों फेंकती है सर के ऊपर से चावल, वजह भी है बेहद खास
भारतीय संस्कृति में शादियों के दौरान अनेक रीति-रिवाज और रस्में अपनाई जाती हैं जिनमें से एक प्रमुख रस्म है दुल्हन का विदाई के समय अपने सिर के ऊपर से चावल फेंकना (Indian wedding traditions). यह रस्म न केवल भावनात्मक होती है बल्कि इसमें गहरे सांस्कृतिक महत्व भी निहित होते हैं.
चावल फेंकने की रस्म का महत्व
विदाई के समय दुल्हन द्वारा चावल फेंकने की रस्म भारतीय समाज में बहुत ही अहम मानी जाती है. यह रस्म दुल्हन के अपने मायके से अलग होने की पीड़ा और नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है (symbolism in Hindu weddings). चावल फेंकना इस बात का संकेत है कि दुल्हन अपने परिवार के लिए समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए जा रही है.
चावल फेंकने की रिवाज
इस रस्म के दौरान दुल्हन को पांच बार चावल को अपने सिर के ऊपर से बिना पीछे मुड़े फेंकना होता है. इस दौरान उपस्थित महिलाएं जिनमें दुल्हन की मां भी शामिल होती हैं, चावल को अपने आंचल में संभालकर रखती हैं (ritual process). इसे बाद में संजोकर रखा जाता है.
लोक मान्यताएं और दुल्हन की भूमिका
दुल्हन द्वारा चावल फेंकने की रस्म उसके परिवार को अब तक मिले प्यार और सम्मान के लिए आभार व्यक्त करने का भी एक तरीका है. यह रस्म यह भी दर्शाती है कि दुल्हन अपने मायके को बुरी नजर से बचाते हुए आगे बढ़ रही है.
विशेषज्ञों की सलाह की जरूरत
इन मान्यताओं और रस्मों के पीछे के कारणों को समझने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेना महत्वपूर्ण है. यह जानकारी सिर्फ लोक मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित होती है.