Varanasi Kolkata Expressway: यूपी से महज कुछ घंटों में पहुंच जाएंगे कोलकाता, इस एक्सप्रेसवे से 4 राज्यों के बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी
Varanasi Kolkata Expressway: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi Kolkata Expressway Introduction) जो वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे और NH-319B के नाम से भी प्रसिद्ध है. भारतीय परिवहन नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण जोड़ है. इसका उद्देश्य इन महानगरों के बीच यात्रा को सुगम और तीव्र बनाना है.
एक्सप्रेसवे की विशेषताएं और विस्तार
610 किमी (380 मील) लंबा यह छह-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway Features) न केवल वाराणसी और कोलकाता को जोड़ेगा. बल्कि इसका विस्तार रांची को भी संबद्ध करेगा. जिससे पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों के बीच संचार सुगम होगा.
एक्सप्रेसवे की भौगोलिक महत्व
यह एक्सप्रेसवे चार राज्यों - उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा (Four State Connectivity) जो इसे भारतीय आधारभूत संरचना में एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाता है.
यात्रा समय में कमी
नवनिर्मित एक्सप्रेसवे से वाराणसी से कोलकाता के बीच की यात्रा का समय 12-14 घंटे से घटकर केवल 6-7 घंटे रह जाएगा (Travel Time Reduction). जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
निर्माण की शुरुआत और लागत
इस ग्रैंड प्रोजेक्ट की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी और इसे लगभग ₹35,000 करोड़ की अनुमानित लागत (Project Cost and Foundation) से तीन साल में पूरा किया जाना है.
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत
यह एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित किया जा रहा है (Part of Bharatmala Project). जिसका उद्देश्य भारत के अलग-अलग हिस्सों को एक उन्नत परिवहन नेटवर्क के माध्यम से जोड़ना है.
स्थानीय विकास और लाभ
इस परियोजना से स्थानीय विकास को बल मिलेगा और स्थानीय निवासियों के लिए नए अवसर सृजित होंगे (Local Development Benefits). जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.