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World Longest Underwater Tunnel: दुनिया की सबसे लंबी और पहली पानी वाली सुरंग इंडिया में 2026 में बनकर होगी तैयार, 20 सालों से जारी है काम

06:38 PM Dec 03, 2024 IST | Vikash Beniwal
world longest underwater tunnel  दुनिया की सबसे लंबी और पहली पानी वाली सुरंग इंडिया में 2026 में बनकर होगी तैयार  20 सालों से जारी है काम

World Longest Underwater Tunnel: भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक और अहम कदम उठाया जा रहा है। दुनिया की पहली पानी वाली सुरंग का निर्माण तेलंगाना राज्य में हो रहा है। यह सुरंग 44 किलोमीटर लंबी होगी और इसका उद्देश्य जलापूर्ति और सिंचाई से जुड़े अहम कार्यों को पूरा करना है। यह सुरंग एक नयी मिसाल पेश कर रही है और भारतीय इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण बनने जा रही है।

इस परियोजना का नाम है अलीमिनेती माधव रेड्डी एसएलबीसी सुरंग, और यह तेलंगाना राज्य के श्रीशैलम जिले में स्थित पहाड़ों के बीच बनाई जा रही है। खास बात यह है कि यह सुरंग रोड या रेलवे टनल नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों को पानी प्रदान करना है।

इस सुरंग के जरिए कृष्णा नदी पर स्थित श्रीशैलम जलाशय का पानी 44 किलोमीटर दूर स्थित 4 जिलों के 543 गांवों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे चार लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जाएगी। इससे इन गांवों में कृषि की संभावनाओं में सुधार होगा और पानी की उपलब्धता में भी वृद्धि होगी।

इस सुरंग पर काम 2004 में शुरू हुआ था और तब से लेकर अब तक इस परियोजना में 20 लाख टन कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा चुका है। 41700 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग इस सुरंग को बनाने में हुआ है, जो कि एक अविश्वसनीय आंकड़ा है। यह स्टील की मात्रा बुर्ज खलीफा से 2000 टन अधिक है और चिनाब रेल ब्रिज से 11000 टन ज्यादा है।

इस सुरंग से 543 गांवों को पानी की आपूर्ति होगी और 4 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जा सकेगी, जिससे किसानों की खेती में सुधार होगा। इस सुरंग के बनने से, जिन गांवों को पहले नागार्जुन सागर से पानी की आपूर्ति की जाती थी, अब यह जल आपूर्ति स्थायी रूप से सुनिश्चित हो जाएगी।

इससे हर साल 300 करोड़ रुपये की बचत होगी जो पानी की सप्लाई पर खर्च होते थे। इस सुरंग से जल आपूर्ति का कार्य तीव्र गति से किया जा सकेगा, जिससे जल संकट और सिंचाई की समस्याओं का हल मिलेगा। इस सुरंग का निर्माण 1983 में विचाराधीन था, लेकिन इसके निर्माण पर काम 2004 में शुरू हुआ। अब तक इस सुरंग का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है, और 2026 तक इसे पूरी तरह से चालू किया जाने की उम्मीद है।