सर्दियों में यमुना एक्सप्रेसवे पर इन वाहनों की आवाजाही बंद, जानें प्रसाशन ने क्यूँ उठाया यह कदम
Yamuna Expressway: ग्रेटर नोएडा से एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कदम सामने आया है। सर्दियों में बढ़ते कोहरे और स्मॉग के कारण यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए, रात के समय ट्रैक्टर-ट्रॉली के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह रोक विशेष रूप से 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक लागू रहती है, लेकिन इस साल प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर को देखते हुए, इसे पहले ही लागू कर दिया गया है।
यमुना एक्सप्रेसवे पर विशेष रूप से अलीगढ़, मथुरा और आसपास के इलाकों से ट्रैक्टर-ट्रॉली रात में ग्रेटर नोएडा की ओर जाती हैं। इन वाहनों पर की गई रोक के पीछे मुख्य कारण घना कोहरा और दृश्यता में कमी है, जो दुर्घटनाओं के खतरे को बढ़ा देता है। ट्रैक्टर-ट्रॉली में ईंट और कृषि उत्पाद लोड होते हैं, जो अक्सर बड़े और भारी होते हैं, जिससे एक्सप्रेसवे पर यात्रा करना जोखिमपूर्ण हो सकता है।
अब 11 से बढ़ाकर 15 पेट्रोलिंग वाहन एक्सप्रेसवे पर तैनात किए गए हैं। दुर्घटनाओं के दौरान तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए क्रेनों की संख्या को 8 से बढ़ाकर 11 किया गया है। 6 एंबुलेंस और 5 दमकल वाहन एक्सप्रेसवे पर तैनात किए गए हैं।ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रिफ्लेक्टिंग टेप लगाए जा रहे हैं ताकि कोहरे में भी इन वाहनों को आसानी से देखा जा सके।
सर्दियों में, यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे और स्मॉग के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है। इस वर्ष प्रदूषण के स्तर में वृद्धि ने स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। जब दृश्यता कम होती है, तो दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए, इस समय कोहरे के प्रभाव से बचने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।
जेवर टोल प्लाजा के प्रबंधक, जेके शर्मा ने कहा, "यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। हम सभी वाहन चालकों से अपील करते हैं कि वे निर्धारित गति सीमा का पालन करें और कोहरे के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतें।"